नईदिल्ली। मध्यप्रदेश के लोक गायक भेरूसिंह चौहान को कला क्षेत्र और श्रीमती शालिनी देवी होलकर को व्यापार एवं उद्योग क्षेत्र में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने और कारीगरों के सशक्तिकरण के लिए किए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मान से सम्मानित किया गया। दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपद्री मुर्मू ने दोनो विभूतियों को इस सम्मान से सम्मानित किया है।
लोक गायिकी को दिलाई एक पहचान
लोकगायक पद्मश्री सम्मानित भेरूसिंह चौहान मालवी, निमाड़ी और राजस्थानी लोकगीतों को नई पहचान दिलाई है। उन्होंने ग्रामीण अंचलों में पारंपरिक संगीत के संरक्षण और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने का कार्य किया है। उनके गीतों में ग्रामीण जीवन, परंपराएं और सामाजिक चेतना की झलक मिलती है, जो न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना का संचार भी करते हैं।
हथकरघा और कारीगर उद्योग में किया उल्लेखनीय काम
हथकरघा और कारीगर आधारित उद्योग को प्रोत्साहन देने में शालिनी देवी होलकर ने उल्लेखनीय कार्य किया। शालिनी देवी होलकर को व्यापार एवं उद्योग श्रेणी में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्होंने महेश्वर की पारंपरिक साड़ियों और बुनकरी कला को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई है। साथ ही, उन्होंने कारीगरों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण, विपणन और नवाचार पर बल दिया। उनकी संस्था वर्षों से महिला बुनकरों को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है और हस्तकला को टिकाऊ उद्यम के रूप में विकसित करने का कार्य कर रही है।
सीएम ने जताई प्रसन्नता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश की दो विभूतियों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है। उन्होने कहा कि प्रदेश की इन दोनों विभूतियां की उपलब्धि से संपूर्ण मध्यप्रदेश गौरवान्वित है। आप दोनों ने सतत परिश्रम, त्याग और साधना से ऐसे प्रतिमान स्थापित किए , जो अन्य सभी को रचनात्मकता, राष्ट्र भक्ति और जनसेवा की प्रेरणा देंगे।