Trump Tariffs on India : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आखिर भारत से क्या शिकायत है, ये सवाल हर किसी के मन में खटक रहा है। क्यों अमेरिका ने भारत पर इतना अधिक टैरिफ़ लगा दिया? क्या सच में रूस से तेल व्यापार ही टैरिफ की असली वजह है? इन सभी सवालों के जवाब रूसी मीडिया ने दिए हैं। रूस ने खुलासा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत से इसलिए नाराज नहीं है कि भारत ररूस से तेल खरीद रहा है। बल्कि ट्रंप की नाराजगी का कारण कुछ और है…
रूस ने बताई भारत से ट्रंप की नाराजगी की वजह
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया है। उनका कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन के साथ चल रही लड़ाई में रूस की मदद कर रहा है। भारत या तो रूस से तेल खरीदना बंद करे, नहीं तो आगे और भी पाबंदियां लग सकती हैं। रूसी मीडिया में यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या भारत ट्रंप के दबाव में आकर रूस से दूरी बना लेगा? क्या ट्रंप को रूस से तेल लेने के कारण भारत से नाराजगी है या कोई और वजह है? रूस ने सभी सवालों के जवाब दिए हैं।
ट्रंप चाहते हैं- भारत अमेरिकी नीति के हिसाब से चले
रूस की सरकारी खबर एजेंसी तास ने 9 अगस्त को एक खबर में कहा कि भारत डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आकर रूस से रिश्ता नहीं तोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ट्रंप या उनके टैरिफ के दबाव में नहीं आएगा। अमेरिका का भारत पर हमेशा से ऐसा तरीका नाकाम रहा है। इसलिए ट्रंप का यह टैरिफ का दबाव ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा।
क्या भारत की तरक्की से परेशान हैं ट्रंप?
रूस ने बताया कि भारत की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा है और वह तेजी से तरक्की कर रहा है। अमेरिका भी चाहता है कि भारत अपना स्वतंत्र विदेश नीति बनाए। लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी बात माने और उसके साथ चले। लेकिन ऐसा हो नहीं सकता। इसलिए ट्रंप का दबाव ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा। दबाव बनाना, अंदरूनी मामलों में दखल देना और व्यापार का इस्तेमाल करना अमेरिका की रणनीति है, लेकिन इससे कोई समझौता नहीं हो सकता।
रूस से तेल खरीदने में सिर्फ भारत पर टैरिफ क्यों?
मास्को टाइम्स में लिखा गया है कि यूक्रेन में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत लीग ट्रर्नर ने बताया कि पहले ट्रंप भारत पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कर रहे थे, पर अभी सिर्फ 50 प्रतिशत लगा है। यह भी 27 अगस्त तक नहीं लगेगा। 15 अगस्त को ट्रंप और पुतिन मिलेंगे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि ट्रंप ने भारत के अलावा किसी और देश पर रूस से तेल खरीदने के कारण टैरिफ नहीं लगाया है। न तो रूस के तेल टैंकरों पर कोई कार्रवाई की है और न ही उन बैंकों या रिफाइनरी पर कोई पाबंदी लगाई है, जो रूस को तेल बेचने में मदद करते हैं। इससे साफ है कि ट्रंप को रुसी तेल से समस्या नहीं बल्कि भारत को अपने नियंत्रण में रखने की मंशा है।
रूस-भारत को डॉलर की जरूरत नहीं
यूरोसर्बिया के संपादक कॉन्स्टेंटिन वोन होफमेइस्टर ने 7 अगस्त को लिखा कि रूस और भारत के बीच आर्थिक संबंध बहुत मजबूत हैं। 2021-2022 में इन दोनों देशों के बीच व्यापार 13 अरब डॉलर का था, जो अब 2024-2025 में 68 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। भारत रूस से तेल, उर्वरक और विमान के पार्ट्स खरीदता है। दोनों देश अपने व्यापार में डॉलर पर निर्भरता कम कर रहे हैं। दोनों अपने व्यापार का 90 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय मुद्रा में कर रहे हैं। अब उन्हें डॉलर की जरूरत नहीं है।