Trump On Apple Production in India: सबसे प्रतिष्ठित टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक एप्पल आज वैश्विक उत्पादन नेटवर्क के केंद्र में खड़ी है और इस दौरान जब एप्पल भारत में अपना फूल फ्लेज़्ड बिजनेस शुरू करने वाली है तब अचानक से डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल(donald trump on apple production in india) से मांग की है कि वह भारत जैसे देशों में आईफोन(apple iphone) बनाना बंद कर दें और सारे उत्पादन अमेरिका में ही करें। परंतु क्या यह फैसला इतना सरल है? एप्पल जैसी वैश्विक कंपनी जिसका सबसे बड़ा मार्केट भारत में है उसके लिए भारत में भी निर्माण छोड़कर अमेरिका में लौटना क्या संभव है?

भारत की आर्थिक व्यवस्था की बात करें तो काफी सारे निवेशक भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। इसी क्रम में एप्पल भी भारत में आईफोन का निर्माण करने की तैयारी पूरी कर चुकी है। परंतु अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एप्पल के ceo टीम कुक(apple ceo tim cook) के ऊपर दबाव डाल रहे हैं कि वह भारत में एप्पल का निर्माण बंद कर दे और अमेरिका में ही इसका गढ़ तैयार करें। ऐसे में अब देखना यह होगा की टीम कूक क्या डोनाल्ड ट्रंप की यह बात मानते हैं या वे अपने पुराने फैसले पर ही टिके रहते हैं?
वर्तमान बाजार की स्थिति और क्या कहना है जानकारोँ का?(will apple close its production in india)
जानकारों की माने तो वर्तमान में एप्पल के वैश्विक आईफोन के उत्पादन का लगभग 15% भारत में होता है। इस निर्माण में फॉक्सकॉम और टाटा जैसे साझेदार भी शामिल है। अचानक से भारत में इतने बड़े प्रोडक्शन यूनिट को बंद करना और पूरा बिजनेस अमेरिका में शिफ्ट करना एप्पल के लिए काफी महंगा सौदा साबित हो सकता है। भारत जैसे देश में एप्पल फोन का निर्माण काफी कम लागत में हो रहा है जिसके सबसे ज्यादा खरीददार भी भारत में ही हैं। ऐसे में इस निर्णय का एप्पल कंपनी पर काफी विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है।
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भारत से एप्पल न बंद करने के कारण (what losses apple will face)
एप्पल के सीईओ टीम कूक यदि इस बात को मान लेते हैं तो उन्हें अमेरिका में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा जैसे अमेरिका में उन्नत टेक्निकल इंजीनियरों की संख्या कम है और आईफोन जैसे जटिल उत्पादन के निर्माण के लिए यह सबसे बेसिक जरूरत है। दूसरा अमेरिका में श्रम लागत चीन और भारत की तुलना में बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से फोन के निर्माण की भी लागत बढ़ जाएगी। इसके अलावा चीन और भारत के पास एप्पल की मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाएं हैं और अमेरिका में अभी भी एप्पल को इतना बड़ा मार्केट नहीं मिल पाया है।
कुल मिलाकर इन्हीं सारे घटकों को ध्यान में रखते हुए टिम कुक ने फिलहाल यह घोषणा की है कि वह भारत के साथ एप्पल कंपनी के व्यवहार उसी तरह से बनाए रखेंगे जिस तरह से पहले थे। फिलहाल इस निर्णय में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। हालांकि देखना यह होगा कि ट्रंप इस फैसले को बदलने के लिए कौन सी राजनीति अपनाते हैं।