अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य संघर्ष (India-Pakistan conflict) को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। शुक्रवार को रिपब्लिकन सांसदों के साथ निजी डिनर में ट्रम्प ने कहा, “भारत-पाकिस्तान जंग में 5 लड़ाकू जेट (Five jets shot down) मार गिराए गए।” उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये जेट भारत के थे या पाकिस्तान के। ट्रम्प ने दावा किया कि उनकी सरकार ने व्यापारिक दबाव (Trade deal pressure) का इस्तेमाल कर मई में इस संघर्ष को रोका, जिससे परमाणु युद्ध (Nuclear war threat) की आशंका टल गई।कांग्रेस ने इस बयान पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने तीन सवाल उठाए: पहला, क्या ट्रम्प का दावा सही है कि 5 जेट गिराए गए? (Jet losses controversy) दूसरा, क्या भारत ने अमेरिकी दबाव में सीजफायर (Ceasefire 2025) स्वीकार किया? और तीसरा, क्या पीएम मोदी ने व्यापार समझौते के लिए देश के सम्मान से समझौता किया? रमेश ने कहा, “ट्रम्प 24वीं बार दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध रोका। पीएम मोदी की चुप्पी संदेह पैदा करती है।” (Modi silence criticism)यह विवाद अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) से शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) शुरू किया, जिसमें भारतीय वायुसेना (IAF) ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले किए। (IAF precision strikes) पाकिस्तान ने भी ड्रोन और मिसाइल हमलों से जवाब दिया। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले हमले का आरोप लगाया।रक्षा स्टाफ प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने मई में सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग में स्वीकार किया था कि पहले दिन हवाई नुकसान (Air combat losses) हुआ, लेकिन इसके बाद भारत ने रणनीति बदली और पाकिस्तान के 11 एयरबेस, जैसे नूर खान और रहीम यार खान, पर सटीक हमले किए। (Pakistan airbase strikes) चौहान ने कहा, “नुकसान क्यों हुआ, यह महत्वपूर्ण है, संख्या नहीं।”
वहीं, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 6 भारतीय जेट, जिनमें 3 राफेल शामिल थे, मार गिराए। भारत ने इन दावों को खारिज किया।10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने सीजफायर की घोषणा की। (US-mediated ceasefire) ट्रम्प ने इसे अपनी कूटनीतिक जीत बताया, लेकिन भारत के विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने स्पष्ट किया कि सीजफायर सैन्य चैनलों के जरिए हुआ, न कि अमेरिकी मध्यस्थता से।
(India denies mediation) मिश्री ने कहा, “भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और न ही व्यापार समझौते पर कोई बात हुई।”कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया। रक्षा तैयारियों की समीक्षा जरूरी है।” (Defence preparedness review) विश्लेषक माइकल कुजेलमैन ने कहा कि चौहान के बयान से युद्ध का नैरेटिव ज्यादा नहीं बदला, क्योंकि भारत की सैन्य उपलब्धियां पहले से जानी जाती हैं।यह विवाद भारत-पाकिस्तान तनाव (India-Pakistan tensions) और भारत-अमेरिका संबंधों (India-US relations) पर नई बहस छेड़ सकता है। पीएम मोदी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।