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ट्रंप ने वाइट हॉउस में मनाई दिवाली, मोदी को बताया महान

Donald Trump Diwali Celebration: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को वाइट हॉउस में भव्य दिवाली समारोह (Diwali Celebration White House) का आयोजन किया और इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को “महान दोस्त” और “शानदार व्यक्ति” करार दिया। समारोह में ट्रंप ने दीयों को प्रज्वलित किया और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ उत्सव मनाया। यह आयोजन अमेरिका में भारतीय संस्कृति की बढ़ती स्वीकार्यता और भारत-अमेरिका संबंधों (India-US Relations) की मजबूती को दर्शाता है।

दिवाली समारोह: ट्रंप का संदेश

ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, “मैं भारत के लोगों और भारतीय-अमेरिकियों को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। नरेंद्र मोदी एक महान दोस्त और शानदार नेता हैं, जिनके साथ मेरा गहरा रिश्ता है।” उन्होंने दीया जलाते हुए भारतीय परंपराओं का सम्मान दिखाया और कहा कि यह त्योहार “प्रकाश, विजय और एकता का प्रतीक” है। समारोह में एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल (Kash Patel) और कई भारतीय मूल के अधिकारी मौजूद थे, जो ट्रंप प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारतीय समुदाय की भागीदारी

वाइट हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में 200 से अधिक भारतीय-अमेरिकी नेताओं, कलाकारों और पेशेवरों ने हिस्सा लिया। पारंपरिक नृत्य, संगीत और भोजन के साथ समारोह में सांस्कृतिक रंग देखने को मिला। भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा (Vinay Mohan Kwatra) ने इसे “भारत-यूएस दोस्ती का प्रतीक” बताया। इस दौरान ट्रंप ने भारतीय समुदाय की अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान की भी तारीफ की।

भारत-अमेरिका संबंध: ट्रंप-मोदी की दोस्ती

ट्रंप और मोदी के बीच दोस्ती को ‘ब्रोमांस’ के तौर पर जाना जाता है, जिसकी शुरुआत 2017 में ‘हाउडी मोदी’ इवेंट से हुई थी। हालांकि, हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच व्यापार और कश्मीर मुद्दे पर मतभेद भी सामने आए थे। फिर भी, ट्रंप ने इस समारोह में मोदी के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बताया। पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि भारत रूस से तेल आयात बंद कर सकता है, लेकिन इस बार उन्होंने उस बयान को दोहराने से परहेज किया।

क्षेत्रीय संदर्भ: डेमोक्रेटिक आलोचना

डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रंप के इस कदम को “राजनीतिक स्टंट” करार दिया, खासकर जब अमेरिका में ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन (No Kings Protests) चल रहे हैं। कुछ आलोचकों ने इसे भारतीय वोट बैंक को लुभाने की कोशिश बताया, लेकिन भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने इसे सकारात्मक कदम माना।

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