रीवा। शहर की जीवन दायनी बीहर नदी में कई जलधाराएं समाहित है। जो कि इस नदी की सुंदरता को चार चॉद लगाती आ रही है, दरअसल रीवा किला के पीछे स्थित राजघाट में बीहर और बिछिया नदी का मिलन होता है तो बीहर नदी में बाणसागर से सोन नदी का पानी पहुच रहा है, यू कहां जाए तो बीहर-बिछिया में अब सोन नदी का पानी भी समाया हुआ है। तीन नदियों का पानी रीवा में एक साथ मिलने के कारण राजघाट में त्रिवेणी बना रहा है। तीन नदियों का पानी आगे बहने के बाद झरने का रूप लेता है। कल-कल बहता पानी और झरना लोगों को सहज ही अपनी ओर अकर्षित करता है।
जगह-जगह मौजूद है नामचीन घाट
बीहर नदी के तट पर कई नामचीन घाट भी मौजूद है। संगम पर राजघाट बना हुआ है। बताते है कि 16वी सदी में रीवा राजपरिवार के द्वारा राजघाट का निर्माण करवाया गया था। विशालकाय शिलाओं से बना यह घाट आज भी पुरानी परंपराओं को सजोएं हुए है। यह घाट किला राज परिवार का स्नान गृह हुआ करता था। इसके आगे देवी घाट फिर पंचमठा घाट और फिर बम्बा घाट नदी के तीर पर बना हुआ है। पंचमठा घाट निर्माण को लेकर जानकार बताते है कि आदि गुरू शंकराचार्य की यह देन है और यहां मठ भी बना हुआ है। इस पंचमठा को राज्य सरकार ने अब सजाने सवारने का काम किया है।
वाराणासी गंगा की तर्ज पर बीहर आरती
बीहर नदी के महत्वं को देखते हुए प्रतिदिन शाम को अब वाराणासी गंगा की तर्ज पर बीहर गंगा आरती एक वर्ष से हो रही है। मध्यप्रदेश शासन के मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के भागीरथी प्रयास से पंचमठा धाम में बीहर के किनारे आरती के लिए मंच बनाया गया है और शाम ढ़लते ही आरती का अदभुद्र नजरा देखने को मिलता है।
सजो रहा प्रशासन
तीन नदियों के बहते जलधारा को सजोने का काम भी अब किया जा रहा है। रीवा विधायक उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला बीहर रिवर फ्रट का निर्माण करवा रहे है। जिसके तहत गुजरात की तर्ज पर नदी के दोनों ओर सुंदर और सुव्यवस्थित पथ वें का निर्माण राजघाट तक किया जा रहा है। इसके पीछे का उद्रदेश्य है कि नदी की सुंदरता को बढ़ाया जा सके तो लोग उसके तीर पर भ्रमण करके सेहत मंद रह सकें।
झरने का बढ़ा वजूद
बीहर नदी पर बनने वाले झरने को भी संजोया गया है। उसके दोनों ओर ईको पार्क का निर्माण करके नदी के इस झरने की सुंदरता को बनाने का काम किया जा रहा है। यह झरना रात के समय रंगीन लाइटों में नहा जाता है और इसकी छठा देखते ही बनताी है।
रीवा में त्रिवेणी, समाहित है बीहर में कई जलधाराएं, मौजूद है नामचीन घाट, अद्रभुद हैं नजरे, अब सजो रहा प्रशासन
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