भोपाल। मध्यप्रदेश में 79वां स्वतंत्रता दिवस देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत, उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर राज्य स्तरीय समारोह में ध्वजारोहण कर परेड का निरीक्षण किया और परेड सलामी ली। परेड में सशस्त्र दलों ने तीन चरणों में हर्ष फायर किया और पुलिस बैंड ने राष्ट्रगान जन-गण-मन और देश भक्ति गीतों की धुनों से वातावरण में राष्ट्र के प्रति प्रेम, गर्व, सेवा और समर्पण के भाव का संचार कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की जनता के नाम संदेश दिया। प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री के संदेश का लाइव टेलीकास्ट किया गया, जो सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रसारित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, जनप्रतिनिधि, समाज सेवी, स्कूल छात्र-छात्राओं सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
याद किए गए शहीद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 79वें में स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को आदरांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की माटी ऐसे अनगिनत जननायकों की जन्मभूमि रही है, जिन्होंने मां भारती की रक्षा में सर्वस्व न्यौछावर किया।
ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए ऑपरेशन सिंदूर से विश्व, भारत की शक्ति और सामर्थ्य और भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम से अवगत हुआ। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने देश की एकता और अखंडता पर कुदृष्टि डालने वालों को कड़ा सबक सिखाया है।
स्वदेशी के समर्पण से विकसित होगा भारत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” का रास्ता स्वदेशी के प्रति समर्पण से ही संभव होगा। स्वदेशी के प्रति समर्पण के साथ हम आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाएंगे। देशवासियों को बस अपनी शक्ति और सामर्थ्य पहचानने की आवश्यकता है। आज मुझे ये कहते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा मध्यप्रदेश उन करोड़ों भारतवासियों के उस संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है, जिस स्वप्न को हम “आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत” कहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज इस संकल्प का भी दिन है कि हमारा पुरुषार्थ और हमारा पराक्रम स्वदेश के हित में स्वदेशी को स्वीकारे और स्वदेशी का प्रसार करे। भारत की आत्मा में बसा स्वदेशी केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान, आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व का मंत्र है। आज प्रधानमंत्री श्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘ लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के साथ हमें हर क्षेत्र-टेक्नोलॉजी, मैन्यूफैक्चरिंग, स्टार्टअप, कृषि, ऊर्जा और रक्षा में स्वदेशी को आधार बनाना है। इसका अर्थ है कि हर उत्पाद हमारे कौशल, हमारे श्रम और हमारे संसाधनों से निर्मित हों। जिस तरह खादी के एक धागे ने स्वतंत्रता संग्राम को शक्ति दी थी, वैसे ही स्वदेशी का प्रत्येक कदम हमें विकसित भारत के संकल्प की ओर ले जाएगा।