Tribals protest against tree felling in Singrauli: सिंगरौली जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र के बांसी और बिरधा में निजी कंपनियों द्वारा अंधाधुंध हरे पेड़ों की कटाई के विरोध में आदिवासी समुदाय ने जोरदार प्रदर्शन किया। मंगलवार को सैकड़ों आदिवासी पुरुष और महिलाएं आम आदमी पार्टी (आप) के जिला अध्यक्ष रतीभान साकेत के नेतृत्व में सिंगरौली कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
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आदिवासियों ने आरोप लगाया कि पीढ़ियों से वे इस क्षेत्र के जंगलों और जमीन पर निर्भर हैं, लेकिन निजी कंपनियों के हित में हो रही अवैध कटाई से पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है और उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। मझौली सरपंच चंदा पनिका ने कहा, “सरकार जल, जंगल, जमीन बचाने की बात करती है, लेकिन उसी जंगल को उजाड़ने की अनुमति दे रही है।” जनपद सदस्य रुक्मिणी देवी ने बताया कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘चिपको आंदोलन’ जैसा अभियान शुरू किया है और पेड़ों को राखी बांधकर उनकी रक्षा की कसम खाई है।
‘आप’ जिला अध्यक्ष रतीभान साकेत ने चेतावनी दी कि ‘विकास’ के नाम पर पेड़ों की कटाई से प्रदूषण बढ़ेगा और स्थानीय समुदाय का जीवन प्रभावित होगा। उन्होंने प्रशासन से कटाई पर तुरंत रोक और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन में बांसी-बिरधा की सरपंच सहित बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल रहे और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
एसडीएम माइकल तिर्की ने बताया कि ग्रामीणों का ज्ञापन प्राप्त कर लिया गया है और संबंधित विभाग को जांच के लिए भेजा जाएगा। इस घटना ने सिंगरौली में पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी अधिकारों को लेकर गंभीर बहस छेड़ दी है। आदिवासियों का कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।

 
		 
		 
		