Indian Railway Good News: इंडियन रेलवे की ओर से एक अच्छी पहल होते नजर आने वाली है. जी हां रेलवे ट्रेनों के पुराने और जर्जर डिब्बों में हॉस्पिटल खोलेगा. इसमें OPD और इमरजेंसी की सुविधा मिलेगी. ये अस्पताल दो बड़े स्टेशनों के बीच छोटे-छोटे स्टेशनों पर स्थापित किए जाएंगे. इस अस्पताल का लाभ रेलवे में सेवारत और रिटायर कर्मियों को मिलेगा. गौरतलब है कि, रेलवे बोर्ड ने जर्जर व पुराने डिब्बों को मिनी अस्पताल के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है. पूर्व मध्य रेलवे सहित अन्य रेलवे जोन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. शुरुआत में पांच-पांच डिब्बों को अस्पताल में बदला जाएगा.
इससे पहले भी एक बार बनाया जा चुका है अस्पताल
आपको जानकारी होगी कि कोरोना काल में रेलवे ने अपने कर्मियों के लिए ट्रेन के डिब्बों में ही अस्पताल बनाया था. यह प्रयोग सफल रहा था. अब इसी प्रयोग को आगे बढ़ाने की तैयारी है. बोर्ड की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि डिब्बों में अस्पताल बनाने के बाद उसे दूरदराज के स्टेशनों पर रखा जाएगा, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं स्टेशन से काफी दूर हैं. इससे स्टेशन पर किसी कर्मचारी या यात्री के बीमार पड़ने अथवा हादसे का शिकार होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार मिल सकेगा.
समस्तीपुर और सोनपुर स्टेशन में रेलवे के सिर्फ दो रेफरल हॉस्पिटल हैं. बीच के करीब 106 किमी में हाजीपुर में एक पालीक्लिनिक और मुजफ्फरपुर में हेल्थ सेंटर है. जबकि, इस बीच 16 जंक्शन व स्टेशन हैं. मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी के बीच सात, मुजफ्फरपुर-बापूधाम मोतिहारी के बीच 10 छोटे-बड़े स्टेशन हैं. इनमें सीतामढ़ी और मोतिहारी में एक-एक हेल्थ सेंटर है. इस स्टेशनों के बीच पांच हजार से अधिक रेलकर्मी और 10 हजार से अधिक रिटायर कर्मी हैं, जिनको लाभ मिलेगा.
चिक, बबल रैप्स का इस्तेमाल
अब बात आती है की गर्मियों में तो ये बेहद गरम होंगे लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि गर्मी से बचाव के लिए डिब्बों की छत को कवर किया जाएगा. रेलवे इसके लिए विभिन्न विकल्पों पर काम कर रहा है. हॉस्पिटल में बने डिब्बों को ठंडा रखने को गर्मी रोकने वाले पेंट और बांस की चिक के अलावा बबल रैप्स का इस्तेमाल होगा.
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