Thyroid Symptoms and Treatment : आधुनिक समय में थायराइड की समस्या आजकल बहुत आम हो गई है। थायराइड गर्दन के सामने और दोनों तरफ होती है। यह तितली जैसी दिखती है। जब इस ग्रंथि से निकलने वाले हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, तो शरीर में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। एक बार जब किसी को थायराइड की बीमारी हो जाती है तो लंबे समय तक दवाएं खानी पड़ती है। इसका कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन इसके असर को कम किया जा सकता है। आज यहां आपको थायराइड से जुड़ी सभी जानकारी देंगे और इसके प्रभाव को कम करने के लिए घरेलु इलाज भी बताएंगे।
थायराइड क्या है?
जब थायराइड से बनने वाला हॉर्मोन कम हो जाता है, तो शरीर का मेटाबोलिज़्म तेज हो जाता है, जिससे शरीर की ऊर्जा जल्दी खत्म हो जाती है। दूसरी तरफ, अगर हॉर्मोन की मात्रा ज्यादा हो जाए, तो मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है, और शरीर सुस्त और थका हुआ महसूस करता है। थायराइड का असर शरीर के कई हिस्सों पर पड़ता है।
किस उम्र में और किसे होता है थायराइड?
थायराइड किसी भी उम्र में हो सकता है। बच्चों में इसकी समस्या से उनके बढ़ने की रफ्तार कम हो सकती है, और शरीर फैलने लगता है। महिलाओं पर इसका असर कभी-कभी साफ दिखाई देता है, पर कुल मिलाकर यही है कि यह बीमारी जान नहीं लेती, पर बहुत परेशान कर देती है और हमारे लुक को भी बिगाड़ सकती है। अब थायराइड से परेशान होने की जरूरत नहीं, बस बताए गए इलाज को अपनाएं और जल्दी ठीक हो जाएं। पुरुषों और महिलाओं दोनों में आजकल थायराइड की समस्या बढ़ रही है। इससे वजन अचानक बढ़ या कम हो सकता है। यह बीमारी बहुत परेशानी वाली हो सकती है।
कितने तरह होते हैं थायराइड?
थायराइड की समस्या में पाँच तरह के रोग होते हैं…
हाइपोथायराइड (थायराइड का कम होना)
हाइपरथायराइड (थायराइड का ज्यादा होना)
आयोडीन की कमी से होने वाले रोग जैसे गले का फूला (गॉटर)
हाशिमोटो रोग (आंतरिक शरीर की समस्या)
थायराइड क्यों होता है?
थायराइड ग्रंथि से दो मुख्य हॉर्मोन बनते हैं: टी3 (ट्राई आयोडो थायरोक्सिन) और टी4 (थायरोक्सिन)। ये शरीर के तापमान, ऊर्जा, और दिल की धड़कन को नियंत्रित करते हैं। जब इन हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो थायराइड की समस्या हो जाती है। अगर थायराइड का हॉर्मोन कम हो जाए, तो मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है और शरीर का कामकाज प्रभावित होता है। अगर ज्यादा हो जाए, तो शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है और बहुत थकान हो सकती है।
थायराइड के लक्षण (Symptoms of HypothyroidHypothyroidism)
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
- बहुत थकान महसूस होती है, आराम के बाद भी थकान रहती है।
- बाल टूटने लगते हैं, भौहें भी कमजोर हो सकती हैं।
- पेट में समस्या, कब्ज।
- त्वचा रूखी हो जाती है।
- हाथ-पैर ठंडे रहते हैं।
- अचानक वजन बढ़ना या घटना।
थायराइड के कारण
- बहुत अधिक तनाव में रहना।
- धूम्रपान करना।
- सोया और उससे बनी चीजें खाना।
- डॉक्टर की सलाह न लेना।
- ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाना।
- गेहूं और ग्लूटेन युक्त चीजें खा लेना।
- शुगर का नियंत्रण न करना।
- बहुत अधिक दवाइयां लेना।
- ज्यादा नमक या सी फूड खाना।
थायराइड का घरेलू इलाज
निर्गुण्डी के पत्तों का रस दिन में तीन बार पीएं, इससे 21 दिन में फायदा होता है। रात को सोने से पहले लाल प्याज को काटकर गर्दन के आस-पास रगड़ें और सुबह तक छोड़ दें। इससे आराम मिल सकता है।
हाइपोथायराइड में क्या खाएं?
खाएं: आयोडीन युक्त नमक, सी फूड, अंडा, दूध, फल।
न खाएं: सोया, गोभी, ब्रोकली, मैदा वाली चीजें।
हाइपरथायराइड में क्या खाएं?
खाएं: हरी सब्जियां, साबुत अनाज, फल।
न खाएं: मैदा, मीठा, शक्कर वाली चीजें, कैफीन।
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