Rajasthan Gangrape Case: लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने बताया कि नाबालिग लड़की को दोषियों ने साल 2023 अगस्त महीने में गैंगरेप के बाद कोयले की भट्ठी में जिंदा जला दिया था। इस मामले में पुलिस ने एक महीने के भीतर ही 473 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे।
Rajasthan Gangrape Case: राजस्थान में शाहपुरा जिले के कोटड़ी में 14 साल की बच्ची से गैंगरेप कर जिंदा जलाने वाले दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस चर्चित मामले में सोमवार 20 मई को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने दोनों दोषियों कालू और कान्हा को मौत की सजा सुनाई। इससे पहले शनिवार 18 मई को भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट ने कालू और कान्हा को दोषी ठहराया था, जबकि सात आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने यह फैसला सोमवार 20 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। 20 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट में पीड़िता के माता-पिता भी उपस्थित रहे। फैसला सुनकर पीड़िता की मां ने कहा कि हमें आज न्याय मिल गया। जिन सात आरोपियों को बरी किया है, उनमें दोनों दोषियों की मां, बहन, पत्नी और अन्य लोग शामिल हैं।
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लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने बताया कि नाबालिग लड़की को दोषियों ने साल 2023 अगस्त महीने में गैंगरेप के बाद कोयले की भट्ठी में जिंदा जला दिया था। इस मामले में पुलिस ने एक महीने के भीतर ही 473 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध कहा है।
गैंगरेप के बाद भट्ठी में जला दिया
Shahpura Gangrape Case: यह घटना है 2 अगस्त 2023 की। शाहपुरा के कोटड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 साल की नाबालिग सुबह लगभग 8:30 से 9 बजे के बीच घर से मवेशी चराने निकली थी। तभी रास्ते में उसे कालू और कान्हा मिले। दोनों आरोपी सगे भाई हैं. दोनों भाई कालू और कान्हा नाबालिक का मुंह दबाकर भट्ठी के पीछे ले गए और वहां 4 घंटे तक गैंगरेप किया। दोनों भाइयों द्वारा किए गए गैंगरेप का पता उनकी पत्नी, मां, बहन और एक नाबालिग को चल गया। सभी ने आपस में चर्चा की कि मामले को दबाने का प्रयास किया। उन्हें डर था कि मामला खुला तो फंस जाएंगे। इसके बाद नाबालिक को भट्ठी में जला दिया गया। जिस जगह पर इस वारदात को अंजाम दिया गया, वह खेत पीड़िता के घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर है। इस जगह किराए से चलने वाली कोयला बनाने की पांच भट्ठियां हैं.
वारदात के चार माह पहले ही खेत में ये भट्ठे पीड़िता के पिता ने आरोपियों को किराए पर दिए थे। पिता ने उस समय सोचा भी नहीं था, जिन्हें वो किराए पर भट्ठा दे रहा है, वही उसके दुश्मन बन जाएंगे। चार महीने से इस जगह पर कोयला बनाने का काम चल रहा था। यहां काम करने वाले लोग नाबालिग के घर आते -जाते भी रहते थे, इसलिए वे परिवार को भी अच्छी तरह से जानते थे।
हमेशा मां-बाप के साथ जाती थी मवेशी चराने
Shahpura Gangrape Case: घटना के बाद नाबालिग के पिता ने बताया था कि हमारी बेटी कभी भी घर से अकेली बाहर नहीं जाती थी, उसके साथ मेरी पत्नी और मैं रोज मवेशी चराने के लिए निकलते थे। बेटी कभी बोल भी देती कि मैं अकेली जा रही हूं तो मां उसका साथ नहीं छोड़ती थी वह भी उसके साथ जाती थी. 2 अगस्त 2023 को हमारे परिवार में कोई विवाद हो गया था। रिश्तेदारी में इस विवाद को सुलझाने के लिए हमें जाना बहुत जरूरी था। इस कारण से हम लोग वहां चले गए थे। बेटी घर में अकेली थी तो वह सुबह लगभग 8:30 से 9 बजे के बीच मवेशी लेकर घर से निकल गई और इसके बाद वह नहीं लौटी।
रात को एक भट्ठी दहक रही थी
पीड़िता की मां ने बताया था कि जब उनकी बेटी दोपहर 3 बजे तक घर वापस नहीं लौटी तो उसे ढूंढते हुए हम खेत पर गए। उस समय खेत में कोई भी भट्ठी नहीं जल रही थी। जब हमने आरोपियों से पूछा कि मेरी बेटी कहां है तो वे सभी अनजान बन गए। शाम को जब गांव के लोगों को बताया तो उन्होंने ढूंढना शुरू किया। इस दौरान दोबारा वे लोग खेत की ओर गए तो भट्ठी जल रही थी। जलती भट्ठी देखकर परिवार और गांव वालों का शक हुआ कि जो भट्ठियां दिन में नहीं जल रही थी वे बारिश के मौसम में रात में कैसे जल रही हैं। अचानक रात में भट्ठी को जलती देख ग्रामीणों ने काम करने वालों से सख्ती से पूछा तो वे डर गए। इसी बीच किसी व्यक्ति ने कहा कि बेटी का जूता तो यहीं पड़ा है।
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इस पर आरोपियों को लगा कि अब तो सारा सच सामने ही आ गया है। तब जाकर उन्होंने बताया कि उन्होंने मासूम के साथ रेप कर उसे जला दिया। पूछताछ में खुलासा हुआ तो पता चला कि दरिंदों ने नाबालिग बच्ची का एक हाथ काटकर भट्ठी में झोंक दिया और बाकी शरीर तालाब में फेंक दिया।
कोयलों के बीच मिलीं हड्डियां
इस घटना के बाद 3 अगस्त को मौके पर जब एफएसएल टीम पहुंची तो टीम के सदस्यों ने भट्ठी से लगभग 300 किलोग्राम से ज्यादा राख और कोयला बाहर निकाला। उसे छानने के बाद 6 घंटे तक एक-एक कोयले को छानकर नाबालिग के हाथ के कई टुकड़ों को बाहर निकाला था। इससे पहले 2 अगस्त की रात जब भट्ठी में पानी डालकर आग बुझाई गई तब उस बीच बच्ची का एक अधजला हाथ और चांदी का कंगन अंगारों के बीच से निकला था।