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इंग्लैंड की इमारतों से भी ज्यादा खूबसूरत है मुंबई का ये स्टेशन ;

CSMT

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‘सपनो के शहर’ नाम से मशहूर महानगर मुंबई जहाँ ताज होटल, GATE WAY OF INDIA, Bandra-Warli Sea Link, राजाबाई क्लॉक टावर, वानखेड़े स्टेडियम जैसी मशहूर स्थान हैं, जो शहर को और फेमस और ख़ूबसूरत बनातें हैं। इन सब के साथ ही मुंबई की सबसे पुरानी इमारतों में से एक रेलवे स्टेशन, छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस [CSMT] नाम से जाना जाता है। ये भारत में काफी प्रसिद्ध है जिसको VT स्टेशन भी कहते हैं । यह महानगर मुंबई का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण स्टेशन है। इस लेख के माधयम से हम CSMT के बारे में जानेंगे………

छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस का इतिहास ;

टर्मिनल के निर्माण की शुरुआत 1887 में की गयी थी जो 10 साल में बनकर तैयार हो गया था। इसकी डिज़ाइन ब्रिटिश वास्तुकार एफडब्ल्यू स्टीवंस द्वारा तैयार की गयी थी। टर्मिनल मध्ययुगीन इतावली मॉडल पर आधारित है। यह भारत के पश्चिम भाग के मुंबई में अरब सागर के तट पर बोरीबन्दर इलाके में स्थित है। स्टेशन का नाम विक्टोरिया टर्मिनल था जो 1996 में बदलकर 17 वीं शताब्दी के मराठा साम्राज्य के राजा छत्रपति शिवजी महाराज के नाम पर कर दिया गया। इसको बनाने में उस समय 16 लाख रूपए की लागत लगी थी। यह भारत का सबसे व्यस्त स्टेशन है।

  छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस कितना बड़ा है?

वाला छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस कुल 18 प्लेटफार्म है जिसकी इमारत 2.85 हेक्टेटयर क्षेत्र में फैली हुई है, जिससे रोज़ाना 30 लाख यात्री सफर करते हैं।

छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस की रोचक बातें ;

छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल हुआ ;

2 जुलाई 2004 में CSMT को पारम्परिक भारतीय शैलियों के मिश्रण का प्रतिनिधित्व करने वाली उत्कृष्ट कला के कारण UNESCO ने विश्व द्यरोहर के रूप में शामिल किया।

छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस में होती है फिल्मो की शूटिंग ;

मुंबई के छत्रपति शिवजी महाराज टर्मिनस में कई फिल्मो की शूटिंग भी हुई है ,जिसमे RA.ONE और SAAHO जैसी बड़ी फिल्मे में भी शामिल हैं।

रेलवे टर्मिनल क्या होता है?

टर्मिनल का मतलब ऐसे स्टेशन से है जहां से ट्रेनों के आगे जाने के लिए ट्रैक न हो, यानी ट्रेनें वहां आती तो हों लेकिन फिर आगे के सफर के लिए उन्हें उसी दिशा में जाना पड़ता हो जिस दिशा से उनका आगमन हुआ हो। यानी रेलवे टर्मिनल से ट्रेनें एक ही दिशा में जा सकती हैं क्योंकि वहां से आगे का रास्ता नहीं होता।

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