ट्रेडिंग करने वालों का फ्रैंड है ये Indicator! चार्ट पर ब्रेकआउट का देता है संकेत!

Stock Trading Tools: शेयर बाजार में वर्तमान समय में शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स की भीड़ आ गई है जी हां जो लगातार ट्रेड कर रही है. ये रिटेल ट्रेडर्स हर सेगमेंट में ट्रेड कर रहे हैं. वे फ्यूचर एंड ऑप्शन से लेकर कैश सेगमेंट में भी काम कर रहे हैं. वैसे तो हर एक ट्रेडर्स अपनी ट्रेडिंग में इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं. गौरतलब है कि, नए ट्रेडर्स चार्ट पर अलग अलग तरह के इंडिकेटर्स का उपयोग करते हैं, जो किसी स्टॉक या इंडेक्स में अपर या लोअर रेंज बताता है. यह ट्रेडर्स के बीच एक लोकप्रिय इंडिकेटर है, जिसे रिटेल ट्रेडर्स का दोस्त कहा जाता है.

Bollinger Bands क्या है?

Bollinger Bands किसी चार्ट पर लेवल डिफाइन करने वाला टूल है, जिसका उपयोग स्टॉक मार्केट में किसी शेयर या इंडेक्स की वोलाटिलिटी और संभावित ट्रेंड्स को समझने के लिए किया जाता है. इसे जॉन बोलिंगर ने विकसित किया था. यह टूल प्राइस चार्ट पर तीन लाइनों के रूप में दिखाई देता है, जो स्टॉक या इंडेक्स जैसे निफ्टी के प्राइस की मूवमेंट को दर्शाता है. इससे प्राइस की रेंज पता लगाने में सहायता मिलती है.

Bollinger Bands में तीन मुख्य लाइन होती हैं.

Middle Band: यह एक सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) होता है, जो आमतौर पर 20-दिन की अवधि का होता है. यह स्टॉक या इंडेक्स के एवरेज प्राइस को दर्शाता है.

Upper Band : यह मिडिल बैंड से ऊपर होता है और इसे SMA + (2 x स्टैंडर्ड डेविएशन) के रूप में गणना की जाती है.

How Bollinger Bands Works

स्टैंडर्ड डेविएशन प्राइस की अस्थिरता को मापता है, जिससे बैंड की चौड़ाई बदलती रहती है. अगर बाजार में वोलिटिलिटी ज्यादा है, तो बैंड चौड़े हो जाते हैं और अगर वोलिटिलिटी कम है तो बैंड नैरो हो जाते हैं.

ओवरबॉट और ओवरसोल्ड पोज़ीशन

जब प्राइस अपर बैंड को छूता है या उससे ऊपर जाता है, तो यह संकेत देता है कि स्टॉक या इंडेक्स ओवरबॉट हो सकता है याने प्राइस हाई है. इसी तरह जब प्राइस लोअर बैंड को छूता है या उससे नीचे जाता है, तो यह ओवर सोल्ड याने प्राइस बहुत कम है, उसे दर्शाता है.

ब्रेकआउट का संकेत: जब बैंड संकुचित हो जाते हैं तो यह संकेत है कि मार्केट में जल्द ही ब्रेकआउट के रूप में एक बड़ा प्राइस चेंज हो सकता है.

Bollinger Bands सहित अन्य इंडीकेटर्स अब सभी ब्रोकर्स के चार्ट पर उपलब्ध हैं. जब बोलिंगर बैंड को चार्ट पर लगाया जाता है तो अपने आप लेवल लाइन के संकेत के साथ दिखने लगते हैं जो ट्रेडर्स को ट्रेंड पहचानने में मदद करते हैं. हालांकि सिर्फ किसी एक इंडिकेटर के सहारे ट्रेडिंग या चार्ट को नहीं समझा जा सकता है, लेकिन ऐसे इंडिकेटर्स ट्रेडिंग और एनालिसिस के दुनिया की बहुत सारी बातें समझाते हैं.

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