Site icon SHABD SANCHI

Railway में 100 साल बाद होगा ये बड़ा बदलाव, जानिए क्या-क्या बदलेगा!

Ahmedabad Danapur Weekly Summer Special Train News In Hindi

Ahmedabad Danapur Weekly Summer Special Train News In Hindi

Indian Railway News: इंडियन रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. यहाँ हर रोज लाखों की संख्या में यात्री सफर करते हैं. भारत में रेल को देश के ट्रांसपोर्ट व्यवस्था का रीढ़ माना जाता है. रेलवे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. चलिए आपको विस्तृत रूप से बताते हैं….

100 साल बाद होगा यह काम

गौरतलब है कि, इंडियन रेल नेटवर्क परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए, 100 साल से ज्यादा वाले पुराने ट्रेन नियंत्रण प्रणालियों में बदलाव और अपग्रेडेशन की तैयारी में है. जी हाँ माना जा रहा है कि आधुनिक अपग्रेडेशन के बाद ट्रेनों की गति बढ़ेगी साथ ही सुरक्षा भी मजबूत होगी.

रेलवे इसका ब्लू प्रिंट तैयार करने में लगा

आपको बता दें कि TOI की एक रिपोर्ट से यह पता लगा है कि, रेलवे बोर्ड रेल ट्रैफिक में सुधार, सुरक्षा बढ़ाने और परिचालन दक्षता को बढ़ावा देने के लिए एडवांस डिसिजन सपोर्ट तकनीक पर आधारित एक नया ब्लूप्रिंट तैयार करने में लगा हुआ है.

लेट लतीफी से मिलेगा छुटकारा

वर्तमान में ट्रेनों की लेटलतीफी, बढ़ती भीड़ और दुर्घटनाओं के कारण कई सवाल खड़े हो रहे थे. इस बीच रेलवे नियोजित ओवरहालिंग पर विचार करने जा रहा है. रेलवे के अनुसार, इनका मुख्य उद्देश्य है कि ट्रेन की यात्रा को और अधिक सुरक्षित, आधुनिक तकनीकी के साथ स्पीड को बढ़ाया जा सके, जिससे यात्रियों को सहूलियत हो सके.

अपग्रेडेशन के लिए तैयार है भारतीय रेलवे

रिपोर्ट्स के अनुसार, नई प्रणाली का केंद्र एक एकीकृत कमांड सेंटर होगा, जो ट्रेन संचालन में शामिल सभी विभागों को एक साथ लाएगा. यह बेहतर ट्रेन मूवमेंट प्रबंधन, रूट प्लानिंग और संकट प्रतिक्रिया के लिए अपग्रेड निर्णय लेने वाले उपकरणों के साथ मौजूदा सिलोइज और बड़े पैमाने पर मैनुअल नियंत्रण प्रणाली को बदल देगा. नए बदलाव से रेल के बढ़ते ट्रैफिक घनत्व से निपटने वाले ट्रेन नियंत्रकों पर बोझ कम होने की उम्मीद है.

मॉडर्न टेक वाले देशों से सबक लेगा भारत

गौरतलब है कि, रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि भारतीय रेलवे बोर्ड जापान, रूस, जर्मनी, स्विटजरलैंड, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों से सबक लेगा.

माना जा रहा है कि भारतीय रेलवे की इस नई पहल को जटिलता के कारण इन्हें सीधे तौर पर नहीं अपनाया जा सकता. वर्तमान में लंबी दूरी की ट्रेनों, माल गाड़ियों, अर्ध-उच्च गति वाली सेवाओं और विभिन्न प्रकार के रोलिंग स्टॉक के साथ अन्य भारतीय परिस्थितियों में एक अच्छे समाधान की आवश्यकता है.

Exit mobile version