There is no provision of drinking water and toilets in schools: रीवा जिले के स्कूलों में पेयजल और शौचालय की सुविधाओं की स्थिति कमजोर है। लंबे समय से इसको लेकर मांग की जा रही थी। सर्वे के मुताबिक 260 ऐसे स्कूल पाए गए हैं, जहां पर छात्रों के लिए पेयजल की सुविधा नहीं है और शौचालय खंडहर हो गए हैं जिनका उपयोग नहीं हो रहा है। लगातार उठाई जा रही मांगों पर अब स्कूल शिक्षा विभाग ने इन सुविधाओं के इंतजाम के लिए राशि भी जारी की है और कहा है कि इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए।
इसकी जिम्मेदारी विभाग के संबंधित अधिकारियों की होगी। इसे दो तरह से विभाजित किया गया है। एक में दो सौ से कम छात्र संख्या वाले स्कूल शामिल हैं और दूसरे में दो सौ से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल शामिल हैं। दो सौ से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में शौचालय मरम्मत के लिए 25 हजार रुपए के मान से राशि जारी की गई है। इसी तरह पेयजल व्यवस्था के लिए भी ऐसे स्कूलों को 25 हजार रुपए की दर से राशि आवंटित की गई है। जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या दो सौ से अधिक है वहां पर शौचालय मरम्मत के लिए 25 हजार रुपए और पेयजल के लिए इन स्कूलों को 50 हजार रुपए की दर से राशि जारी की गई है। हाल ही में असर 2024 की सर्वे रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें सरकारी स्कूलों में संसाधनों की व्यापक कमी बताई गई है। इसमें शौचालय और पेयजल की सुविधाओं की समस्याओं का उल्लेख किया गया है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में अधिकारियों को निर्देश
स्कूलों में शौचालय और पेयजल सुविधाओं को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भोपाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर जिले के अधिकारियों से कहा है कि वह पूरी निगरानी के साथ काम कराएं। कहा गया है कि जारी राशि का उपयोग उसी कार्य में खर्च की जाए जिसके लिए आवंटन हुआ है। इस राशि से 15 मार्च के पहले कार्य पूरे करने के लिए कहा गया है।