आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। छात्रों और युवाओं में नई तकनीकों के प्रति रुझान लगातार बढ़ रहा है और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि की एआई को वे न सिर्फ अपना रहे है बल्कि यह तकनीक युवाओं के करियर विकल्पों में सबसे ऊपर पहुंच गया है। छात्रों में बढ़ती जागरूकता और रुचि के चलते अब इस तरह की पढ़ाई पर छात्र आगे आ रहे है। यही वजह है कि एआई से संबधित कोर्स में छात्र दाखिला ले रहे है। बताया जाता है कि इससे पहले एआई से सबंधित पढ़ाई के लिए सीटें खाली रह जाती थी, लेकिन छात्रों को इस क्षेत्र में बेहतर विकल्प नजर आ रहा है। जिसके चलते पढ़ाई में यह पाठयक्रम उनकी रूचि बन रहा है।
इस क्षेत्र में बढ़ रही उपयोगिता
एआई की उपयोगिता इंजीनियरिंग, कृषि, चिकित्सा, रक्षा, शिक्षा और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि जिन कॉलेजों में इसकी पढ़ाई शुरू हो गई है वहां अब एडमीशन लेने के लिए छात्रों की संख्या बढ़ रही है और छात्र अपने करियर के रूप में इसे विकल्प के तहत चुनाव कर रहे है। पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा फिनटेक विद फाइनेंशियल टेक्नोलाजी के सर्टिफिकेट की पढ़ाई में छात्रों की रूचि नही थी, लेकिन इसकी उपयोगिता को देखते हुए तेजी के साथ इसमें छात्रों की संख्या बढ़ रही है।
क्या कहते है विशेषज्ञ
एआई तकनीक को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यह केवल तकनीकी फील्ड तक नही रहेगा बल्कि इसकी धमक हर क्षेत्र में होगी। इसकी लोकप्रियता को ऐसे ही समझा जा सकता है कि विश्वविद्यालयों के साथ-साथ ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म पर भी एआई कोर्सेज की डिमांड कई गुना बढ़ गई है। छात्र आज न केवल बीटेक, एआइ रोबोटिक्स, एआइ डेटा साइंस जैसे नियमित डिग्री कोर्स चुन रहे हैं, बल्कि वे सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और माइक्रो-स्पेशियलाइजेशन जैसे शार्ट टर्म कोर्सेज में भी रुचि दिखा रहे हैं।
नई शिक्षा नीति में दिया गया है जोर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद सीबीएसई और राज्य बोर्डों के कई स्कूलों में एआइ को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया गया है। जिससे स्कूली छात्रों में इस तकनीक की समझ बढ़ सकें और आगे चलकर उनकी यह पढ़ाई उच्च शिक्षा और शोध में अच्छा सोर्स बनेगी।