एमपी में शहरों को साफ बनाने मची होड़, 269 शहरों में स्वच्छचा का सर्वेक्षण, ऐसे हो रही रैकिंग

एमपी। स्वच्छता एक संकल्प है, जिसे मध्यप्रदेश ही नही देश भर में एक जन आंदोलन बनाया गया है। देश को साफ-सुथरा बनाने लिए के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभियान शुरू किया और आज यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता का रूप ले चुकी है। उसी के तहत मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय वर्ष भर शहरी स्वच्छता को सँवारने में जुटे रहते हैं। प्रदेश में नियमित कचरा संग्रहण, परिवहन और निपटान के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया गया है। इससे शहरों की स्वच्छता सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ खुले में शौच पर प्रतिबंध को सफल बनाने के बाद शहरों को ओडीएफ़$$ और वॉटर$ प्रमाण-पत्र दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग प्रदेश के नागरिकों, युवाओं और जन-प्रतिनिधियों से शहरों को स्वच्छ बनाने में सहयोग की निरंतर अपील कर रहा है।

स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता

स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश के शहर बहुत गंभीरता के साथ अपनी भागीदारी कर रहे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान केन्द्र सरकार की सर्वेक्षण टीमें शहरों में स्वच्छता व्यवस्थाओं का जायजा लेती हैं। इसमें स्वच्छता की आधारभूत तैयारियों का परीक्षण, खुले में शौच से मुक्ति और मल-जल का निस्तारण (ओडीएफ$$ और वॉटर$) कचरा मुक्त शहरों के लिए स्टार रेटिंग (1,3 5 व 7 स्टार रेटिंग) सहित कुल तीन परीक्षण किए जाते हैं। अभी प्रदेश में आधारभूत तैयारियों का परीक्षण जारी है, जिसमें 269 शहरों में परीक्षण पूर्ण हो चुका है, शेष शहरों के परीक्षण के लिये टीमें पहुँच रही हैं। इसके बाद ओडीएफ$$ और स्टार रेटिंग के परीक्षण शुरू होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *