इंदौर। युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा एमपी के इंदौर में स्थापित होने जा रही है। बताया गया है कि यह प्रतिमा विश्व की सबसे उॅची प्रतिमा होगी। एक गरिमामय कार्यक्रम में इंदौर के सिरपुर स्थित देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में रविवार को स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापना के लिए भूमि-पूजन सीएम मोहन यादव ने किया है।
52 फिट उॅची होगी प्रतिमा
प्रतिमा का निर्माण देश के ख्यातिप्राप्त मूर्तिकार नरेश कुमावत द्वारा किया जाएगा, जिन्होंने देश भर में कई प्रतिष्ठित मूर्तियाँ निर्मित की हैं। प्रतिमा स्थल पर स्वामी विवेकानंद जी के जीवन और विचारों पर आधारित एक विशेष गैलरी भी स्थापित की जाएगी, जहाँ चित्रों, दस्तावेज़ों और डिजिटल माध्यमों से युवाओं को प्रेरित किया जाएगा। यह स्थान इंदौर के लिए एक नई पहचान, सांस्कृतिक गौरव और पर्यटन विकास का केंद्र बनेगा। निर्मित होने वाली प्रतिमा की संरचनात्मक आधार सहित कुल ऊँचाई लगभग 52 फीट होगी। इसके निर्माण में लगभग 14 टन विभिन्न धातुओं के मिश्रण का उपयोग किया जाएगा, जो जलवायु प्रतिरोधी और दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए उपयुक्त होगा।
सीएम ने कहा मानवता को बनाया जीवन का उद्देश्य
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि महापुरुषों के जीवन दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है। यह भव्य प्रतिमा स्वामी जी की शिक्षाओं और दर्शन को जन-जन तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत में संत परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है और उनमें से स्वामी विवेकानंद विलक्षण संत थे। उन्होंने निराकार ईश्वर के उपासक के रूप में मानवता की सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि ष्मैं देखूंगा तो ही मानूंगाष् जो उनके तर्कशील और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शरीर के माध्यम से जीवन सेवा का मंत्र दिया और आत्मनिर्भरता का आशीर्वाद प्राप्त कर मृत्यु पर विजय प्राप्त की।