उज्जैन। नागदेवताओं का पर्व नागपंचमी मंगलवार को मनाई जा रही है। शिव भक्त नागदेवता का इस दिन पूजा अर्चना करके सुख शांति के लिए प्रार्थना करेगे। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर का द्वार भी इस पर्व पर खोला जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। असल में उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर भगवान श्री नागचंद्रेश्वर विराजमान है। बताते है कि नागचंद्रेश्वर की जिस रूम में यह प्रतिमा है वह उज्जैन के अलावा विश्व में कहीं और नहीं मिलती है। श्रद्धालुओं के लिए यह एक दुर्लभ अवसर होता है, जब वे भगवान के इस अलौकिक और ऐतिहासिक स्वरूप के दर्शन कर पाते हैं।
इस रूम में विराजमान है भगवान श्री नागचंद्रेश्वर
जो जानकारी मिलती है, उसके तहत भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की यह प्रतिमा 11वीं शताब्दी में स्थापित की गई थी। इस प्रतिमा में श्री नागचंद्रेश्वर सात फनों वाले नाग के साथ विराजित हैं। शिव-पार्वती के वाहन नंदी और सिंह, श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, माता उमा के दाईं ओर कार्तिकेय, और ऊपरी भाग में सूर्य-चंद्रमा की आकृति इस प्रतिमा को विशेष बनाती है। भगवान शिव की भुजाओं और गले में भुजंग लिपटे हुए हैं।
सोमवार को आधी रात खुलेगा मंदिर
उज्जैन के महाकाल मंदिर में विराजमान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन वर्ष में केवल एक बार, नागपंचमी के अवसर पर आम श्रद्धालु कर पाते है। यह मंदिर वर्ष में केवल एक दिन 24 घंटे के लिए के लिए खोला जाता है और श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाते हैं। इस वर्ष मंदिर के पट 28 जुलाई सोमवार की रात 12 बजे खोले जाएंगे। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनितगिरी महाराज द्वारा त्रिकाल पूजन संपन्न किया जाएगा। पूजन के उपरांत रात करीब 1 बजे से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। मंदिर के पट 29 जुलाई मंगलवार की रात 12 बजे बंद कर दिए जाएंगे।
भगवान नागचंद्रेश्वर का होगा पूजन
भगवान श्री नागचंद्रेश्वर का मंदिर, श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित है। पट खुलने के बाद त्रिकाल पूजन के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारीगण भी पूजन-अभिषेक में शामिल होंगे। नागपंचमी के दिन 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे पुनः महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा विशेष पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात शाम को महाकाल की आरती के बाद पुजारियों और पुरोहितों द्वारा पूजन संपन्न किया जाएगा।