The Untold Story Of Shahrukh Khan : नई दिल्ली में जन्मे शाहरुख़ खान का जीवन काफी संघर्षो से भरा था। उनके पिता के जाने के बाद से ही शाहरुख़ खान के जिंदगी में परेशानियों और कठिनाईयों ने जगह ले ली थी। और ऐसे ही शुरू हुआ “रोमांस के किंग” का संघर्षो से भरा सफ़र।
अगर हमें शाहरुख खान को जानना है तो हमें पाकिस्तान के पेशावर मे चलना होगा। पेशावर वही जगह है जहा से शाहरुख़ के पिता ताज मोहम्मद पैदल चल कर दिल्ली आये थे।बात करें शाहरुख़ के पिता और उनकी माँ की मुलाकात की तो बड़े ही फ़िल्मी अंदाज़ में वो दोनों टकराये थे। दरहसल ,ताज अपने दोस्तों के साथ इंडिया गेट घूमने गए थे तभी अचानक एक कार रफ़्तार से आयी और रोड के डीवाईडर से टकरा गयी कार को चलाने वाली फातिमा बेहोश पड़ी थी। ताज अपने दोस्तों के साथ मिलकर फातिमा को हॉस्पिटल लेकर जाते है खून काफी बेह चूका था।
इलाज के दौरान ताज ने अपना खून फातिमा को दिया। दरहसल ,फातिमा की सगाई एक मशहूर क्रिकेटर अब्बाज अली बेग से हो चुकी थी। लड़की का पूरा नाम लतीफ फातिमा खान था उस एक्सीडेंट के बाद फातिमा की दिमांगी हालत ठीक नहीं थी उनकी यादास जा चुकी थी। देखते ही देखते ताज और फातिमा की नज़दीकिया बढ़ती जा रहीं थी। ताज फातिमा को कॉलेज छोड़ने ले जाते और उनका पूरा खयाल रखते। धीरे -धीरे फातिमा को ताज से प्रेम हो जाता है। जब ताज फातिमा का हाथ मांगने उनके घर गए तो उनके घर वालों ने ताज से कहा की तुम मेरी छोटी बेटी से शादी कर लो लेकिन ताज ने इस प्रस्ताव को इंकार कर दिया और कहा की में सिर्फ फातिमा से निकाह करूँगा।
इस फैशले को सुनकर फातिमा के परिवार वालों को हार माननी पड़ी। इसके बाद साल 1959 में ताज मोहम्मद और फातिमा का निकाह हो जाता है। और ऐसे ही साल 1965में शाहरुख़ खान का जन्म होता है। ताज मोहम्मद उस वक़्त के North West Frontier Province (NWFP) के लीडर खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान जिन्हें (बादशाह खान) के भी नाम भी जाना जाता था, के साथ मिलकर आजादी के लिए लड़ाई लड़ना शुरू कर दिया था। शाहरुख़ के दादा मीर जान मोहम्मद खान सुभाष चंद्र भोश के आर्मी में मेजर हुआ करते थे। बहुत कम लोगो को ये जानकारी है की शाहरुख खान के पिता ने मेवात से चुनाव भी लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ताज मोहम्मद के संबंध गाँधी और जवाहर परिवार से काफी अच्छे थे।
लेकिन ताज बहुत ही सवाभिमानी आदमी थे उन्होने ने इस संबंध का सहारा न लेकर अपने जिंदगी को चलाने के लिए खूब मेहनत की। उन्होने रशियन कल्चर के सामने चाय की दुकान खोली और दूकान चल भी गयी उसके बाद ताज ने छोले भठूरे बेचने शुरू किया उस वक्त शाहरुख़ खान सिर्फ 8 साल के थे। इस बीच शाहरुखान की माँ फातिमा समाज सेवा संगठन में सोशल मेजिस्ट्रेट ने तौर पर काम करती थी। उनकी माँ का कहना था की मेरा बेटा एक दिन बहुत बड़ा सितारा बनेगा। बताया जाता की शाहरुख खान की हिंदी बहुत कमज़ोर हुआ करती थी। ऐसे में उनकी माँ कहती थी अगर वो हिंदीं में अच्छे नंबर लाएंगे तो उन्हें वो फ़िल्म दिखाने ले जाएंगी। शाहरुख जब 15 साल के थे तब उनके पिता का कैंसर के कारन इंतकाल हो गया।
इस बीच शाहरुख़ और उनके माँ को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। लेकिन शारुख ने हार नहीं माना उन्होंने अपनी माँ को संभालने के साथ -साथ अपने एक्टिंग करियर की भी शुरुआत की। शाहरुख खान ने अपनी एक्टिंग करियर की शुरआत साल 1989 में “फ़ौजी ” नाम के T.V Series से की थी । देखा जाए तो उहोंने अपने एक्टिंग करियर के शुरआती समय में बहुत से सीरियल्स में काम किया था उनमे से कुछ मशहूर के नाम; दिल दरिया ,उम्मीद ,महान कर्ज़ ,वागले की दुनिया ,दूरदर्शन का पॉपुलर शो “सर्कस” इसके अलावा इंग्लिशक लैंग्वेज टेलीविज़न फिल्म “In Which Annie Gives It Those Once” जैसे T.V धारावाहिक और शोज में काम किया। इन सीरियलस और शोज़ में शाहरुख के काम को लोगो के द्वारा खूब पसंद किआ जाने लगा यहाँ तक की उनकी एक्टिंग और लुक्स को देख कर लोगो ने उन्हें उस वक्त के मशहूर एक्टर दिलीप कुमार से तुलना करना शुरू कर दिया था। इतनी पॉपुलैरिटी के वावजूद शाहरुख को लगता था की वो अभी फ़िल्में करने के लिए तैयार नहीं है। वर्ष 1991 उनकी माँ ने नहीं इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
माँ के निधन होने बाद शाहरुख़ एकदम टूट चुके थे और अपने आप को इस दुःख से दूर ले जाने के लिए उहोंने तय किया की वो अपना पूरा समय अब बॉलीवुड की दुनिया में देंगे और उसी वर्ष शाहरुख दिल्ली छोड़ कर मुंबई चले गए। मुंबई जाते ही उहोंने अपने डेब्यू ईयर में कुल चार फ़िल्मों में साइन किया। आगे कदम बढ़ाते हुए एसरके ने बॉलीवुड में अपना डेब्यू फ़िल्म “दीवाना” से किया ,जिसमे वो दिव्या भारती और ऋषि कपूर के साथ नज़र आए। शाहरुख़ की ये पहली ही फ़िल्म बॉक्स ऑफिस में सुपर हिट साबीत हुई। इस फ़िल्म के सुपर हिट होते ही उहोंने एक के बाद एक फ़िल्मे साइन की उनमें चमत्कार ,राजू बन गया जेंटलमेन ,दिल आशना है, जिसे हेमा मालिनी के द्वारा डायरेक्ट किया गया था। इसके अलावा “माया मेम साहब ” जो की एक नेशनल अवार्ड विनिंग फिल्म थी ,पहला नशा ,किंग अंकल जैसी फ़िल्मे शामिल है।
फिर आयी एसरके की सुपर हिट फ़िल्म “बाज़ीगर” इस फिल्म में शाहरुख़ लीड रोल में काजोल और शिल्पा शेट्टी के साथ नज़र आए थे। इस ब्लॉकबस्टर फ़िल्म की एनर्जी एसरके ने अपनी अगली फिम “दर” में बरक़रार रखी ये फ़िल्म यशराज बैनर के साथ उनकी पहली फ़िल्म थी। साल 1995 में एसरके की कुल पांच फ़िल्मे लगातार रिलीज़ हुई उन फ़िल्मो में से एक है “करन अर्जुन ” जिसके गाने से लेकर डायलॉग्स तक सुपर हिट रहें।
फिर आती है एसरके की आल टाइम सुपरहिट फ़िल्म”दिलवाले दुलहनियाँ ले जायेंगे उर्फ़ DDLJ” और इस फ़िल्म के साथ एसरके बन गए बॉलीवुड के “रोमांस के बादशाह “. फिर 1996 में इंग्लिश बाबू देसी मेम , चाहत ,आर्मी ,दुशमन दुनिया का । साल1997 में गुदगुदी ,कोयला ,यस बॉस ,प्रदेश ,दिल तो पागल है। साल 1998 में डुप्लीकेट ,अचानक ,दिल से , कुछ कुछ होता है। साल 1999 में बादशाह ,2000 में फिर भी दिल है हिदुस्तानि ,हे राम ,जोश ,हर दिल जो प्यार करेगा ,मोहब्बते ,गज गामिनी।
साल 2001 में वन टू का फोर ,अशोका ,कभी खुशी कभी ग़म। साल 2002 में हम तुम्हारे है सनम ,देवदास ,शक्ति : था पावर ,साथिया। साल 2003 में चलते चलते ,कल हो न हो। वर्ष 2004 में ये लम्हें जुदाई के ,में हूँ ना ,वीर- ज़रा ,स्वदेश। साल 2005 में काल ,सिलसिले ,पहेली। 2006 में अलग ,कभी अलविदा न कहना ,पहेली। साल 2007 में चक दे इंडिया ,हे बेबी ,ॐ शान्ति ॐ। साल 2008 में शौर्य ,क्रेजी 4 ,भूतनाथ ,किश्मत कनेक्शन ,रब ने बनादि जोड़ी। साल 2009 में लक बाय चांस ,बिल्लू। साल 2010 में दूल्हा मिल गया ,मई नेम इज खान ,शाहरुख बोला “खूबसूरत है तू “.साल 2011 में ऑलवेज कभी कभी ,लव ब्रेकअप्स जिंदगी ,रावण ,डॉन 2 .साल 2012 में जबतक है जान ,2013 में बॉम्बे टॉकीज़ ,चेन्नई एक्सप्रेस। वर्ष 2014 भूतनाथ रिटर्न्स ,हैप्पी नई ईयर। 2015 में दिलवाले। 2016 में फैन ,तूतक तूतक तूतिया ,ऐ दिल है मुश्किल ,डिअर जिंदगी। साल 2017 में रईस ,टियुबलाइट ,जब हैरी मेट सेजल। और साल 2023 में पठान ,जवान ,टाइगर 3 ,डंकी जैसी फ़िल्मों को कर के लोगो के बीच खूब नाम कमाया।