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The Taj Story Poster Release: परेश रावल की फिल्म द ताज स्टोरी पर मचा हंगामा

The Taj Story Poster Release

The Taj Story Poster Release

The Taj Story Poster Release: भारतीय सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का माध्यम ही नहीं बल्कि यह समाज का दर्पण भी है। फिल्मों के जरिए कई बार ऐसी कहानी कही जाती है जो इतिहास और सांस्कृतिक पहचान को भी प्रस्तुत करती हैं। यही कारण है की फिल्म का पोस्टर या ट्रेलर रिलीज होते ही उस फिल्म को लेकर दर्शकों में उत्सुकता बढ़ जाती है। यह न केवल एक प्रचार सामग्री की तरह काम करता है बल्कि उस फिल्म की सांस्कृतिक और सामाजिक छवि के लिए भी बेहद जरूरी होता है और हाल ही में द ताज स्टोरी का पोस्टर रिलीज हुआ है जिसने रिलीज होते ही विवाद को जन्म दिया है।

The Taj Story Poster Release

परेश रावल औऱ ताज महल की विवादित तस्वीर

जी हां, इस पोस्टर के रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सैलाब उमड़ आया है। इस पोस्ट में परेश रावल और ताज महल की विवादित छवि साथ दिखाई दे रही है। पोस्टर के दृश्य में प्रतीकात्मक चित्रण को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें इतिहास की गलत व्याख्या की जा रही है और ताजमहल जैसी ऐतिहासिक धरोहर की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के प्रस्तुतीकरण से लोगों में और समाज में भ्रम पैदा होता है और सांस्कृतिक गरिमा पर आ जाती है।

बता दे इस पोस्ट में वास्तविक तथ्य और कल्पनाशीलता का मिश्रण साफ रूप से दिखाई दे रहा है। हालांकि इस पोस्ट को देखकर यह आंकलन लगाया जा सकता है कि यह फ़िल्म भविष्य में विवाद का कारण जरूर बनेगी। हालांकि फिल्म के पोस्टर को लेकर मेकर्स ने अपना बयान दे दिया है उन्होंने कहा है कि यह पोस्ट केवल एक कलात्मक अभिव्यक्ति है इसका उद्देश्य जनता को उत्साहित करना भी नहीं है और ना ही इतिहास को तोड़ना मरोड़ना है।

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निर्माताओं ने दिया स्पष्टीकरण

फिल्म के निर्माता और निर्देशक ने स्पष्ट कह दिया है की पोस्टर का किसी भी धर्म या समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है। यह पोस्टर किसी भी धर्म में समुदाय का अपमान करने की मंशा से नहीं बनाया गया है। हालांकि यदि इस पोस्टर को लेकर किसी को दिक्कत होती है तो वह संवाद के लिए तैयार है। परंतु उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह मेकर्स की कल्पनाशीलता का पोस्टर है जिसका समाज को उकसाने से कोई लेना-देना नहीं और ना ही किसी की भावना आहत करना मकसद है।

कुल मिलाकर द् ताज स्टोरी के पोस्टर पर उठे वाद विवाद ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है की फिल्में मनोरंजन का साधन नहीं है फिल्मों को लोग संवेदनशील विषय के रूप में देखना पसंद करते हैं। ऐसे में कलाकार से लेकर मेकर्स तक को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनकी फिल्म कौन सा संदेश दे रही है। हालांकि अब देखना यह होगा कि इस विवादित पोस्टर के बाद इस फिल्म को लेकर दर्शकों की क्या प्रतिक्रिया होती है।

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