An Inspirational Story for Children : जंगल राज का अभिमानी राजा और भोली प्रजा

The Story of an Arrogant Lion -An Inspirational Story for Children – जंगल की दुनिया भी एक समाज की तरह होती है, जहां हर जीव का अपना स्थान और महत्व होता है उस पर अपनी प्रजा की परवाह करने वाला राजा हो तो उसके सुशासन से सबका जीवन स्वर्ग बन जाता है। लेकिन यदि राजा ही अभिमानी हो तो प्रजा को हमेशा दुखी ही देखा गया है। बहुत बार ये देखा जाता है कि जब नेतृत्व घमंड और अहंकार से भर जाता है, तो उसका परिणाम केवल विनाश और अकेलापन ही होता है फिर चाहे बात जंगल की हो या इंसानी समाज की। यह कहानी भी एक ऐसे ही शेर की है, जो जंगल का राजा होने के बावजूद अपने अहंकार में इतना डूब गया कि उसने अपने ही प्रजाजनों को सताना शुरू कर दिया, बात-बात पर वो उनका दिल तोड़ दिया करता , मुश्किल में मदद कौन करता। अंततः तक हार कर प्रजा एक ने एक होकर राजा को सबक़ सिखाने की ठानी तो उसे यह समझना पड़ा कि असली राजा वही है जो अपनी प्रजा का ख्याल करें और उनकी सेवा करें, दुख-सुख की जिम्मेदारी लें और सम्मान से राज करे, डर और घमंड से नहीं। इस कहानी को पढ़कर बच्चों को यह बात समझाई जा सकती है कि पद और प्रतिष्ठा तभी स्थापित हो सकते हैं जब ईमानदारी,संवेदनशीलता और न्यायप्रियता से आचरण किया जाए।

जंगल का राजा और उसका घमंड -The King of the Jungle and His Arrogance – बहुत समय पहले एक हरे-भरे जंगल में शेर ‘सिंहवीर’ का राज था। वह ताकतवर, तेज और बेहद शूरवीर था। सभी जानवर उससे डरते थे, लेकिन समय के साथ सिंहवीर का व्यवहार बदल गया। अब वह अपने प्रजा के साथ सम्मान से नहीं, बल्कि घमंड से पेश आता। वह छोटे-छोटे जानवरों से भी बिना वजह नाराज़ हो जाता और उन्हें प्रताणित और अपमानित करता।

प्रजा का दुख और असंतोष – The Sorrow and Discontent of the Subjects – सिंहवीर की कड़वी बातें और अहंकारी स्वभाव से प्रजा दुखी रहने लगी। बंदर, हिरण, मोर, और खरगोश जैसे छोटे-छोटे पशु-पक्षी-सभी आपस में चर्चा करने लगे कि राजा को समझाया कैसे जाए, लेकिन कोई भी डर के कारण उसके सामने अपनी बात रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। लेकिन सभी प्लानिंग कर जुगत लड़ाते रहते।

काम आई बूढ़े हाथी की बुद्धिमानी-The Wisdom of an Old Elephant – जंगल का सबसे वृद्ध और बुद्धिमान हाथी ‘गजेश्वर’ ने एक योजना बनाई। उसने सिंहवीर को एक बड़े दर्पण के सामने बुलाया और कहा, “राजन, यह दर्पण आपके राज की सच्चाई दिखाएगा।” जब सिंहवीर ने दर्पण में देखा तो उसे अपने चेहरे पर क्रोध, घमंड और कठोरता की झलक मिली । यह देखकर सिंहवीर को अच्छा महसूस नहीं हुआ, क्योंकि जंगल का राज-पाट संभालने के पहले वो काफी रौबीला नजर आता था सारे आस-पास के जंगलों में उसकी सुंदरता के चर्चे हुआ करते। लेकिन अपनी बिगड़ी रंगत देख सिंहवीर दुखी हो गया।

कैसे टूटा अभिमानी का अहंकार – Breaking of Arrogance – सिंहवीर से गजेश्वर ने कहा, “राजन, आपका चेहरा अब भय दिखाता है, प्रेम नहीं इसलिए पूरी प्रजा आपसे प्रेम नहीं करती बल्कि डरती है , वह आपका झूठा आदर करती है,दिल से सम्मान नहीं कर सकती।” ये बातें सिंहवीर के दिल को छू गईं। उसने महसूस किया कि असली शक्ति डराने में नहीं, बल्कि प्रेम और सहयोग से शासन करने में है । बुजुर्ग हाथी गजेश्वर से अपनी प्रजा के हृदय में स्थान प्राप्त करने हेतु उपाय पूछा और यही तो पूरी प्रजा चाहती थी , लेकिन ये सब इतनी जल्दी हो जाएगा इस बात का अंदाजा गजेश्वर को भी नहीं था।

राजा का ह्रदय परिवर्तन और प्रजा का प्रेम-The King’s Transformation and the Love of the Subjects – सिंहवीर की बात सुनकर गजेश्वर ने कुछ समय मांगा और सिंहवीर की अनुमति से वह एक महीने का समय लेकर प्रजा में लौट गया। एक माह बाद जब सिंहवीर के पास बुजुर्ग हाथी नहीं गया तो सिंगवीर ने अपना घमंड त्याग दिया और खुद ही गजेन्द्र के पास अपनी प्रजा का असली प्रेम पाने का उपाय जानने जा पहुंचा। साथी के पास पहुंच कर सिंहवीर ने देखा कि पूरा जंगल वहां राजा के स्वागत में एकत्रित हो और सबके हाथों में फूल मालाएं,फल है। प्रजा ने अपने राजा का यह बदलाव देखते ही उनकी जय-जयकार करना शुरू कर दिया और सभी ने आगे बढ़कर राजा फूल-मालाओं से सम्मान किया। तब गजेश्वर ने कहा कि देखो राज आप ने सिर्फ एक क़दम सिर्फ मेरी तरफ़ बढ़ाया यानी अपनी प्रजा की ओर बढ़ाया और पूरी प्रजा आपके चरणों में समर्पित है। साथी की यह बात सुनकर शेर राजा खुशी से रोने लगा और हाथी के गले लग गया और प्रजा के लिए यह बेहद खुशी का दिन था इसके बाद से राजा यानी सिंहवीर अब नियम से प्रजा की बात सुनता, उनकी मदद करता और हमेशा उनके सुख-दुख जानने पहुंच जाता इस तरह जंगल राज में भी रामराज्य की खुशी जंगल में खुशी फैलाने लगा। धीरे-धीरे, प्रजा का भय प्रेम में बदल गया और सिंहवीर फिर से सभी के दिलों में बस गया।

कहानी का मॉरल A true king wins the hearts of his people, not their fear – कहानी के पात्र केवल माध्यम हैं ताकि बच्चों को बचपन से ऐंसी स्टोरी पढ़वा कर या सुना कर उनके कोमल मन में नैतिकता के बीज बोए जा सकें और उन्हें सदाचारी व संस्कारी बनाया जा सके अतः कहानी के अनुसार असली राजा वही है जो अपने लोगों का दिल जीतता है, न कि उन्हें डराता है।

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