MP: प्रदेश सरकार ने तबादला नीति को लेकर की सख्त तैयारी, हाईकोर्ट में केविएट दायर

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MP Transfer Policy 2025: प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में 30 मई तक स्वैच्छिक और प्रशासनिक तबादलों का फैसला ले लिया है, लेकिन उसे आशंका है कि कई अधिकारी और कर्मचारी तबादलों के विरोध में हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए कई विभागों ने तबादला आदेश जारी करने से पहले हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है।

MP Transfer Policy 2025: प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में 30 मई तक स्वैच्छिक और प्रशासनिक तबादलों का फैसला ले लिया है, लेकिन उसे आशंका है कि कई अधिकारी और कर्मचारी तबादलों के विरोध में हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए कई विभागों ने तबादला आदेश जारी करने से पहले हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है। विभागों ने कोर्ट से आग्रह किया है कि स्थानांतरित कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले सरकार का पक्ष भी सुना जाए।

तबादला नीति लागू हुए 28 दिन बीत चुके हैं, लेकिन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के 100 से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों को छोड़कर अन्य विभागों ने कोई बड़ी तबादला सूची जारी नहीं की है। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, नगरीय विकास और आवास, राजस्व, गृह, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, ऊर्जा, और जल संसाधन जैसे विभागों में तबादलों का प्रतिशत अधिक रहने की संभावना है।

तीन साल की अवधि एक स्थान पर पूरी कर चुके अधिकारी और कर्मचारी प्रशासनिक आधार पर होने वाले तबादलों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। वे किसी न किसी आधार पर तबादले पर रोक लगाने या आदेश को शिथिल करने की कोशिश कर सकते हैं। इसे देखते हुए विभागों ने केविएट दायर की है ताकि तबादला आदेश जारी होने के बाद उसका त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।

हाईकोर्ट जबलपुर और खंडपीठों में केविएट दायर

स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षक और गैर-शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों का प्रशासकीय आवश्यकताओं के आधार पर राज्य स्तर पर तबादला किया जाएगा। ऐसे में तबादला आदेश के खिलाफ संबंधित कर्मचारी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। इसलिए विभाग ने हाईकोर्ट जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर खंडपीठों में केविएट दायर की है ताकि याचिका दायर होने पर विभाग अपना पक्ष रख सके। अन्य विभाग भी इसी तरह की रणनीति अपना रहे हैं।

तबादला अवधि 15 दिन बढ़ाने की मांग, जीएडी मौन

मोहन कैबिनेट के मंत्रियों ने तबादला आदेश जारी करने की समय सीमा 10 से 15 दिन बढ़ाने की मांग की है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने अभी इस पर सहमति नहीं दी है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अधिकारी भी इस मुद्दे पर कुछ कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, 31 मई को पीएम मोदी के दौरे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तबादला अवधि बढ़ाने के निर्देश दे सकते हैं।

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