Ayodhya Ram Mandir : बदलते मौसम को देखते हुए राम मंदिर के ट्रस्ट (Ayodhya Ram Mandir Trust) और मुख्य पुजारी (Acharya Satyendra Das) भगवान रामलला की अच्छी तरह से देखभाल कर रहे हैं। दिव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला की भव्यता भी अब बढ़ गई है। भगवान राम 5 साल के बालक के रूप में मंदिर में विराजमान हैं। उनकी सेवा और पूजा बाल रूप में ही की जाती है। जब भी मौसम बदलता है तो उनके राजसी भोज में भी बदलाव किया जाता है। ठंड शुरू होने से पहले सुबह बालक राम को गर्म पानी से स्नान कराया जा रहा है।
गर्म पानी से शुरू हुआ रामलला का स्नान। Ayodhya Ram Mandir
रात में ठंड का एहसास हो रहा है, ऐसे में बालक राम को ठंड न लगे, इसके लिए भगवान राम को गर्म पानी से स्नान कराया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें गर्म भोजन भी कराया जा रहा है। बालक राम को सुबह साढ़े चार बजे जगाया जाता है और भगवान रामलला को स्नान कराया जाता है। यह जानकारी अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट (Ayodhya Ram Mandir Trust) के सदस्य व मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने साझा की है।
रबड़ी से लगाया जाएगा रामलला विराजमान का भोग।
आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) के अनुसार, जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है, भगवान राम को रबड़ी या पेड़ा का भोग लगाया जा रहा है। इसके अलावा काजू, पिस्ता, बादाम जैसे सूखे मेवे भी इसमें शामिल किए जा रहे हैं। बादाम और पिस्ता मिलाकर गर्म दूध दिया जा रहा है, जबकि बाल राम के भोजन में पूड़ी सब्जी परोसी जा रही है। जहां रामलला विराजमान हैं, वहां पंखा दोपहर में ही चलाया जाता है।
20 नवंबर को उढ़ाई जाएगी रजाई। Ayodhya Ram Mandir
अब राम मंदिर ट्रस्ट (Ayodhya Ram Mandir Trust) भगवान रामलला के दर्शन अवधि में बदलाव करने जा रहा है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने बताया कि राम मंदिर में भगवान राम को बाल रूप में भोग लगाया जाता है। ठंड शुरू हो गई है, भगवान राम को गर्म पानी से स्नान कराया जा रहा है। रबड़ी चढ़ाई जा रही है। 20 नवंबर से भगवान राम को रजाई ओढ़ाई जाएगी। अभी गर्म चादर और कंबल ओढ़ाए जा रहे हैं।