The skeletons found in Maihar were identified: मैहर में देवी मंदिर के पीछे मौजूद जंगल में रविवार को एक साथ तीन शव मिले थे, जिनकी पहचान हो गई है। दरअसल तीनों शव मां और बेटों के हैं। शवों की शिनाख़्त छोटकी साकेत (56) पति शेषमणि साकेत, राजकुमार साकेत और दीपक साकेत पिता शेषमणि साकेत के रूप में की गई है। तीनों सीधी जिले के रामगढ़ के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक तीनों कमाने-खाने के लिए अक्सर ही मैहर आते थे। और कई-कई महीने तक यहां रह कर जीविकोपार्जन करते थे। तीनों धार्मिक प्रवत्ति के थे और पूजा-पाठ भी बहुत करते थे।
जानकारी के मुताबिक मृतका छोटकी का पति शेषमणि अस्थमा का मरीज है, इसलिए वह रामगढ़ में ही रहता था। महिला बेटों के साथ मैहर आती थी। बताया जा रहा है कि इस बार दोनों बेटे और मां 19 जनवरी को रामगढ़ से मैहर के लिए निकले थे और फिर लौट कर नहीं गए। दरअसल वे अक्सर ही मैहर आकर महीनों यहां रुकते थे इसलिए घरवालों ने भी पुलिस में कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई। उन्होंने सोचा कि कुछ दिन बाद वे लौट आएंगे। हालांकि एक बार उनकी तलाशने मैहर जरूर आए थे। लेकिन तब उनके नहीं मिलने को भी ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया।
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शवों की शिनाख्त के लिए ऐसे जुड़ी कड़ी
जंगल में मिले शव कंकाल में तब्दील हो चुके थे। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या थी उनकी शिनाख्त करना। महिला के शव के पास सीधी के एक ज्वेलर्स का नाम-पता लिखा पर्स मिला जो शवों की शिनाख्त में जरिया बना। इससे यह स्पष्ट हुआ कि मृतक सीधी जिले के रहने वाले हैं। बाद में देवी मंदिर के पास प्रसाद की दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने भी पुलिस को एक मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया। जिसे मृतकों की तलाश में आए उनके परिजन ने उसे दिया था। पुलिस ने इस नंबर पर सम्पर्क कर मृतकों की फोटो मंगाई। उस फोटो में तीनों उन्हीं कपड़ों में दिखे जिनमें उनके कंकाल मिले थे। इसके बाद परिजन ने मैहर पहुंचकर इसकी तस्दीक भी कर दी। पुलिस के मुताबिक घर से निकलने के करीब साढ़े 5 महीने बाद मिले कंकालों से शरीर के कई अंग गायब भी हो चुके हैं। पुलिस प्रथम दृष्टया इसे आत्महत्या का मामला मान कर तफ्तीश कर रही है।
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