रीवा। रीवा के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का भवन भले ही देखने में भव्य एवं सुंदर हो, लेकिन इसके गुणवत्ता की पोल लगातार खुलती नजर आ रही है। अस्पताल की फॉल सीलिंग तो कई बार गिर चुकी है अब अस्पताल का बेस पिलर भी खिसक गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत और संरचनात्मक जांच नहीं की गई, तो पूरा स्ट्रक्चर गंभीर खतरे में पड़ सकता है।
6 मंजिला है भवन
ज्ञात हो सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य करोड़ो रूपए की लागत से किया गया है। 6 मंजिला भवन में हार्ट, न्यूरो सर्जन, यूरो सर्जन, नेफ्रोलॉजी समेत अन्य विभाग संचालित हो रहे है। जिसमें रीवा और आसपास के जिलों से मरीज इलाज के लिए आते हैं। सामाजिक कार्यकर्त्ता का कहना है कि इसे प्रदेश सरकार ने ‘आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का केंद्र’ बताया था। लेकिन करोड़ों की लागत और तकनीकी इंजीनियरिंग के बावजूद निर्माण में इतनी बड़ी खामियां कैसे रह गईं, यह चिंता का विषय है।
गड़बडी को दबा रहा प्रशासन
ज्ञात हो कि हाल ही में अस्पताल की फॉल सीलिंग टूट कर गिर गई थी, जिससे कई मरीज और उनके परिजन बाल-बाल बचे। उस समय मामले को मामूली तकनीकी गड़बड़ी बता कर दबा दिया गया था। सामाजिक कार्यकर्त्ता का कहना है कि जब फॉल सीलिंग गिरने की घटना हुई थी तो प्रशासन ने इसे ‘छोटी तकनीकी गड़बड़ी’ बताकर टाल दिया। अब पिलर खिसकने की घटना से यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल छोटी गलती नहीं बल्कि लापरवाही और संभवतः भ्रष्टाचार का परिणाम है। वही कांग्रेस नेताओं का कहना है कि करोड़ों का यह प्रोजेक्ट इंजीनियरों और ठेकेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की सुरक्षा किस तरह सुनिश्चित होगी, यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अक्षय श्रीवास्तव का कहना है कि अस्पताल का रखरखाव पीडब्ल्यूडी के अंडर में है। अस्पताल भवन में जो भी गड़बड़ी है उसे तत्काल संज्ञान में लिया जाएगा।