रीवा। शासन-प्रशासन स्तर से दिव्यांगों को लेकर भले ही तरह-तरह की सुविधाओं का दम भरा जा रहा हो, लेकिन ऐसी सुविधा का लाभ लेने के लिए पीड़ित दरबदर की ठाकरे खाने के लिए मजबूर हो रहा है। ऐसा ही एक मामला रीवा के कलेक्टर कार्यालय की जन सुनवाई में सामने आया है। यहा चार्जिग व्हीलचेयर की मांग करने के लिए रीवा के अजगरहा गांव निवासी दिव्यांग पहुचा था। उसने मांग किया है कि शासन-प्रशासन उसे चार्जिग व्हील चेयर प्रदान करें।
पूरी तरह से है दिव्यांग
पीड़ित राजकुमार दोनों पैरों और हाथों से पूरी तरह दिव्यांग है। वह शासन-प्रशासन की अव्यवस्था से काफी परेशान है। उसका आरोप है कि जनप्रतिनिधी समेत जिम्मेदारों के पास लगातार वह आवदेन पर आवेदन दे रहा है, लेकिन उसे आज तक चार्जिग व्हील चेयर नही मिल पाई है। अगर उसे चार्जिग व्हील चेयर मिल जाए तो बढ़ती उम्र के साथ उसे आगे का जीवन जीने का सहारा मिल जाएगा। जिस तरह से उसका शरीर है। उस हिसाब से बढ़ती उम्र के चलते वह हाथों से चलाए जाने वाली व्हीलर चेयर चलाने में असमर्थ हो रहा है। जिसके चलते वह चार्जिग व्हीलर चेयर की मांग लगातार कर रहा है।
सांसद को दिया अनगिनत आवेदन
दिव्यांग राजकुमार ने बताया कि वह चार्जिग व्हील चेयर के लिए सामाजिक न्याय विभाग एवं पुर्नवास केन्द्र सभी जगह गया। उनके बताए अनुसार रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के पास अनगिनत बार आवेदन वह दे चुका है, लेकिन उसके साथ न्याय नही हुआ और अपनी समस्या को लेकर दर-दर की वह ठोकर खा रहा है। सांसद और अधिकारी सभी उसे यह समझाकर लौटा देते है कि उसे चार्जिग व्हीलचेयर दिलवाई जाएगी, जबकि वह सैकड़ों बार आवेदन दे चुका है और अब रीवा कलेक्टर के पास अपनी मांग लेकर आया है।