Hampi: कर्नाटक के बेंगलुरु से करीब 350 किलोमीटर की दूरी पर हम्पी शहर स्थित है। इसका मुख्य आकर्षण विजय विट्ठल मंदिर के संगीतमय या जादुई स्तंभ हैं। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित, कई हज़ार एकड़ में फैला, मंदिरों और स्मारकों से भरा एक विशाल परिसर।
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#स्तंभों को सा रे गा मा स्तंभ क्यों कहा जाता है?
विजय विट्ठल मंदिर नाम के इस प्रसिद्ध मंदिर की खास बात इसके 56 स्तंभ हैं। ये स्तंभ एक ही पत्थर से बने हैं और इन पर बेहद खूबसूरत आकृतियाँ भी बनी हैं। दुनिया भर के लोग इस बात से आकर्षित होते हैं कि जब आप इन स्तंभों को दबाते हैं या इन्हें बजाने की कोशिश करते हैं, तो इनसे संगीत की ध्वनि निकलती है। यही वजह है कि इन स्तंभों को ‘सा रे गा मा’ स्तंभ भी कहा जाता है।
# स्तंभ निर्माण किसने करवाया?
आपको बता दें, इन स्तंभों का निर्माण 15वीं शताब्दी में देव राय द्वितीय ने करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि देवता विट्ठल को उपहार चढ़ाते समय लोग इन स्तंभों के संगीत पर नृत्य करते थे। यहां के लोग भगवान विष्णु को विट्ठल के नाम से पुकारते हैं।
#स्तंभ से ध्वनि आने का क्या कारण है?
Hampi के इन पत्थरों में ऑर्थोक्लेज़ जैसे अनोखे क्रिस्टलीय ढांचे वाले खनिज हैं। हकी इस खूबी का कारण कुछ और नहीं बल्कि इन स्तंभों के व्यास और लंबाई का अनुपात है, जिसके कारण इन्हें बजाने पर ध्वनि बेहतर सुनाई देती है।
आपको बता दें, भारत में यह अकेला ऐसा मंदिर नहीं है जहां ऐसा देखा गया है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल में भी ऐसे स्मारक देखे गए हैं। तमिलनाडु में ऐरावतेश्वर नाम का एक मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है कि वहां सात सीढ़ियां हैं। अगर कोई इन सीढ़ियों पर चलता है तो उस पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के पहले 7 सुर बजते हैं।
इस जगह के बारे में पढ़कर आप समझ गए होंगे कि प्राचीन भारत के शिल्पकार बेजोड़ थे। यहां उन्होंने न सिर्फ इन बेहद खास पत्थरों की गुणवत्ता को पहचाना बल्कि रंग मंडप बनाते समय ऐसे पत्थरों को चुना जिनसे बेहतरीन संगीत निकलता हो।