भरी अदालत में बीयर गटक रहे थे वकील साहब, लेकिन बुरे फंसे

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Gujarat Lawyer Beer Video: सुनवाई के दौरान तन्ना वर्चुअल मोड में कोर्ट के समक्ष उपस्थित थे। जज साहब उनके केस की सुनवाई कर रहे थे, और स्क्रीन पर तन्ना खड़े दिख रहे थे। तभी तन्ना ने एक ग्लास उठाया और उसमें से कुछ पीने लगे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “अगले आदेश तक भास्कर तन्ना को इस बेंच के सामने वर्चुअल सुनवाई में उपस्थित होने से रोका जाता है।

Gujarat High Court News: गुजरात हाईकोर्ट में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने कोर्ट की गरिमा को चुनौती दी। कोर्ट में चल रही वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील भास्कर तन्ना ने ऐसा व्यवहार किया, जिसे देखकर कोर्ट रूम में मौजूद लोग स्तब्ध रह गए।

वर्चुअल सुनवाई में बीयर पीने की घटना

सुनवाई के दौरान तन्ना वर्चुअल मोड में कोर्ट के समक्ष उपस्थित थे। जज साहब उनके केस की सुनवाई कर रहे थे, और स्क्रीन पर तन्ना खड़े दिख रहे थे। तभी तन्ना ने एक ग्लास उठाया और उसमें से कुछ पीने लगे। ग्लास में बीयर जैसा पेय पदार्थ नजर आया, जिसे देखकर कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया।

कोर्ट की सख्त प्रतिक्रिया

जस्टिस एएस सुपेहिया और आरटी वचानी की बेंच ने इसे ‘अत्यंत आपत्तिजनक व्यवहार’ करार दिया। नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने तन्ना के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी और उन्हें तत्काल प्रभाव से इस बेंच के समक्ष वर्चुअल मोड में पेश होने से प्रतिबंधित कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “अगले आदेश तक भास्कर तन्ना को इस बेंच के सामने वर्चुअल सुनवाई में उपस्थित होने से रोका जाता है। रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह इस आदेश की जानकारी माननीय मुख्य न्यायाधीश को दे। यदि मुख्य न्यायाधीश अनुमति दें, तो यह आदेश अन्य पीठों के प्रधान निजी सचिवों और निजी सचिवों को भी भेजा जाए।”

वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी पर सवाल

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने तन्ना की वरिष्ठ अधिवक्ता की पदवी पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि एक वरिष्ठ वकील से समाज और जूनियर वकीलों के लिए आदर्श स्थापित करने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन इस तरह का व्यवहार पूरे संस्थान की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। कोर्ट ने उनकी वरिष्ठ अधिवक्ता की उपाधि पर पुनर्विचार की बात भी कही।

कोर्ट के आगे के निर्देश

यह घटना 26 जून, 2025 को हुई। कोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह उस वीडियो को संरक्षित रखे, एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे और अगली सुनवाई में पेश करे। साथ ही, तन्ना को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई है। इस घटना ने न केवल कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित किया, बल्कि वकीलों के आचरण पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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