ज्ञानवापी पर फैसला सुनाने वाले जज को मिल रही धमकी!

RAVI DIWAKAR

ज्ञानवापी केस को लेकर फैसला सुनाने वाले जज को धमकी मिल रही है. जज के पर्सनल नंबर पर कई बार इंटनेशनल कॉल आई और उन्हें धमकी दी जा रही है. न्यायाधीश ने इस संबंध में बरेली में पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है. इसी के साथ सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई है.

ज्ञानवापी मामले में फैसला सुनाने वाले जज रवि दिवाकर को बरेली में विदेशी कॉल धमकियां मिल रही हैं. इस संबंध में जज रवि दिवाकर ने बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत कराया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 अप्रैल की शाम 8:42 बजे इंटरनेशनल नंबर पर एक कॉल आई, जिसमें धमकी दी गई, हालांकि जज की ओर से इस कॉल के बाद किसी कॉल का जवाब नहीं दिया गया है.

इस बारे में जानकारी देते हुए न्यायाधीश रवि दिवाकर के स्टाफ ने बताया कि कुछ दिन पहले अनजान नंबर से धमकी मिली है. इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी गई है. बता दें कि पहले भी जज रवि दिवाकर को धमकी मिलती रही है. बनारस में ज्ञानवापी मामले में फैसला सुनाने के बाद रवि दिवाकर और इनके परिवार की सुरक्षा दी गई.

अधिकारियों को लिखा गया है पत्र

न्यायाधीश रवि दिवाकर की ओर से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया गया है. पत्र में लिखा है कि 15 अप्रैल की शाम 8:42 बजे इंटरनेशनल नंबर से उनके निजी नंबर पर कॉल आई. इस पर कोई उत्तर नहीं दिया गया है. इंटरनेशनल नंबर से 20-25 दिन में कई कॉल आ चुके हैं और धमकियां मिल चुकी हैं.

जज रवि दिवाकर ने बरेली में साल 2010 में हुए दंगे के मामले को स्वतः संज्ञान में लेकर दंगे के आरोप में मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपी माना था. हालांकि इस पूरे मामले में मौलाना तौकीर रजा सुप्रीम कोर्ट चले गए, जहां पर इनको राहत मिल गई. साल 2010 में हुए दंगे में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई थी और 27 दिन तब बरेली में कर्फ्यू लगा रहा. मौलाना तौकीर रजा के मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रवि दिवाकर लगातार सुर्ख़ियों में बने रहे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि दिवाकर ने इंटरनेशनल नंबरों से धमकियां मिलने पर चिंता जताई है.

वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली है जज को

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले ज्ञानवापी फैसले के तुरंत बाद न्यायाधीश द्वारा उठाए गए इसी तरह के खतरे की चिंताओं के बाद से इलाहबाद उच्च न्यायालय ने उनके और उनके परिवार के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा का आदेश दिया था. हालांकि कुछ कारणों की वजह से बाद सुरक्षा घटाकर एक्स श्रेणी में कर दिया गया था. न्यायाधीश की वर्तमान सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. न्यायाधीश के एक सहयोगी ने कहा कि सुरक्षा पर्याप्त नहीं है, क्योंकि दोनों सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों से लड़ने के लिए सक्षम नहीं हैं.

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