5 जनवरी 2022 को पीएम मोदी पंजाब के बठिंडा से हुसैनीवाला जा रहे थे. इसी दौरान किसानों ने रास्ते में ट्रैक्टर खड़ा कर उनका रास्ता रोक लिया था. इसके कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था.
Punjab में PM मोदी की सुरक्षा (PM Modi Security Breach) में हुई चूक मामले में फिरोजपुर के तत्कालीन SP ऑपरेशन गुरविंदर सिंह सांगा को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा 6 और पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. घटना के करीब दो साल बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है. डीजीपी की जांच रिपोर्ट में गुरबिंदर सिंह सांगा को अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया गया है. एसपी ऑपरेशन होने के नाते क्षेत्र में VIP मूवमेंट्स के लिए वही जिम्मेदार थे. फिलहाल सांगा बठिंडा जिले में एसपी थे.
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के गृह विभाग ने 22 नवंबर को पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश जारी किया था. इनमें दो डीएसपी स्तर के अधिकारी – परसोन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, सब-इंस्पेक्टर जसवंत सिंह और एएसआई रमेश कुमार शामिल हैं. चार्जशीट में इन सभी पुलिसकर्मियों को पंजाब सिविल सर्विस रूल (सजा और अपील) 1970 की धारा-8 के तहत आरोपी बनाया गया है
क्या है पूरा मामला?
ये घटना 5 जनवरी, 2022 की है, जब प्रधानमंत्री मोदी एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पंजाब गए थे. वो बठिंडा से सड़क मार्ग से फिरोजपुर के हुसैनीवाला जा रहे थे. तभी रास्ते में किसानों ने ट्रैक्टर खड़ा कर हाइवे बंद कर दिया. इसकी वजह से पीएम का काफिला करीब 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुका रहा. कुछ प्रदर्शनकारी काले झंडे लेकर उनकी गाड़ी के काफी करीब पहुंच गए.
जब रास्ता नहीं खुला तो पीएम को वहां से वापस लौटना पड़ा. वे बठिंडा के भिसियाना एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से दिल्ली वापस आ गए. भिसियाना एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों से तब पीएम मोदी ने कहा था,
अपने सीएम को धन्यवाद कहना, मै जिंदा लौट आया हूं
घटना के वक्त गुरबिंदर सिंह सांगा फिरोजपुर एसपी (ऑपरेशन) के पद पर तैनात थे. इस घटना के बाद उनका बठिंडा ट्रांसफर कर दिया गया था.
पंजाब गृह और न्याय विभाग के सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह की ओर से जारी ऑर्डर पर गुरबिंदर सिंह को निलंबित किया गया है. सस्पेंशन के दौरान वह डीजीपी कार्यालय चंडीगढ़ से अटैच होंगे. बिना अनुमति के वे डीजीपी मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे.
पीएम की सुरक्षा में हुई चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. कोर्ट ने पिछले साल 12 जनवरी को एक जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपोर्ट में पंजाब के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को दोषी ठहराया गया था. कमेटी ने अगस्त 2022 में सुप्रीम कोर्ट को यह रिपोर्ट सौंपी थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सितंबर 2022 पंजाब सरकार को पत्र लिखा था. अब जाकर इस मामले में पंजाब सरकार ने कार्रवाई की है.