मऊगंज में तहसीलदार की दबंगई, किसानों पर दिखाया रौब, मारपीट कर किया गालीगलौज, वीडियो वायरल

The highhandedness of the Tehsildar in Mauganj

The highhandedness of the Tehsildar in Mauganj: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां तहसीलदार वीरेंद्र पटेल पर किसानों के साथ अभद्र व्यवहार, गालीगलौज और मारपीट का गंभीर आरोप लगा है। घटना उप तहसील देवतालाब के अंतर्गत आने वाले गनिगमा गांव की है, जहां दो प्रजापति परिवारों के बीच जमीनी विवाद को लेकर प्रशासन कब्जा दिलाने पहुंचा था। वीडियो में तहसीलदार को किसान सुषमेश पांडे का कॉलर पकड़ते और गाली देते साफ देखा जा सकता है। घटना को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त है, जबकि प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

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जमीनी विवाद में प्रशासन की कार्रवाई से हुआ हंगामा

पुलिस और प्रशासनिक टीम जमीनी विवाद के फैसले के बाद कब्जा दिलाने गांव पहुंची थी। लेकिन मौके पर तहसीलदार वीरेंद्र पटेल कथित तौर पर बेकाबू हो गए। पीड़ित किसान सुषमेश पांडे ने बताया कि तहसीलदार ने उनका कॉलर पकड़ लिया और छीना-झपटी की। इतना ही नहीं, उन्हें मां-बहन की गालियां भी दी गईं। एक अन्य किसान कौशलेश प्रजापति ने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने उन्हें भी अपशब्दों से नवाजा। वीडियो में यह सब साफ नजर आ रहा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। घटना के समय नायब तहसीलदार उमाकांत शर्मा और कई पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया। नायब तहसीलदार शर्मा ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि तहसीलदार को “भ्रम” हो गया था, जिसके कारण यह स्थिति बनी। उन्होंने दावा किया कि किसानों ने कुछ नहीं कहा था और यह गलती से हुआ।

तहसीलदार पर पुराने विवादों का साया

प्रजापति परिवार ने तहसीलदार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वीरेंद्र पटेल मऊगंज जिले के ही निवासी हैं, इसलिए उनका व्यवहार पक्षपाती रहा। जांच में यह बात सामने आई कि पटेल की समग्र आईडी नईगड़ी नगर परिषद के वार्ड नंबर 6 में दर्ज है, जहां उनके माता-पिता, पत्नी और दोनों बच्चों के नाम हैं। आश्चर्यजनक रूप से, तहसीलदार होने के बावजूद उन्होंने दिसंबर 2022 तक राशन कार्ड पर गरीबों के लिए आवंटित राशन लिया। बाद में नाम कटवा लिया। सवाल उठ रहा है कि एक अधिकारी ने फर्जीवाड़ा कैसे किया और शासन की सुविधा का दुरुपयोग क्यों? तहसीलदार का विवादों से पुराना नाता है। पहले उन्होंने अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता की थी। एक RTI में वकीलों को “भारत के नागरिक नहीं” बताकर जानकारी देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद वकीलों ने मऊगंज कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था।

तहसीलदार का पलटवार, कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए

जब तहसीलदार वीरेंद्र पटेल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने उल्टा किसानों, खासकर राजकुमार प्रजापति पर गालीगलौज का आरोप लगाया। लेकिन वायरल वीडियो उनके दावों की पोल खोल रहा है। कलेक्टर संजय जैन ने फोन पर कहा, “हम जांच करा रहे हैं। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।” किसानों ने मांग की है कि तहसीलदार को निलंबित किया जाए और निष्पक्ष जांच हो। स्थानीय किसान संगठनों ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों का ऐसा रवैया किसानों का भरोसा तोड़ रहा है।

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