एमपी। एमपी में पैथोलॉजिस्टों की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग बड़ी तैयारी कर रहा है। जिसके तहत एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त डॉक्टरों को कुछ पैथोलॉजी एवं बायोकेमेस्ट्री जांच के अधिकार दिए जाएगें। जिससे पैथोलॉजिस्टों की कंमी को पूरा किया जा सकें। दरअसल पैथोलॉजिस्टों एवं माइक्रोबॉयोलाजिस्ट की एमपी में बहुत कंमी है। ऐसे में एक डॉक्टर कई जगहों पर जांच की जिम्मेदारी निभा रहे है। जिसके चलते वे कुछ स्थानों पर जांच करते है जबकि कई स्थानों पर टेक्निशियन ही जांच कर रहे है। ऐसे में जांचे प्रभावित हो रही है। जिसके चलते अब एमपी में एमबीबीएस डॉक्टरों को पैथोलॉजी की कुछ जांच करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
इस तरह के जांच की दी जाएगी जिम्मेदारी
जानकारी के तहत एमबीबीएस डॉक्टरों को जो जांच की जिम्मेदारी दी जा रही है उनमें किडनी फक्शंन, लीवर फक्शंन, सीबीसी, थायराइड, फेरेटिन आदि तरह की जांचे शामिल है।
केन्द्र सरकार ने भी दी है छूट
डॉक्टरों को कुछ पैथोलॉजी एवं बायोकेमेस्ट्री जांच के अधिकार केन्द्र सरकार ने भी दिया है। जिस पर देश के कई राज्य अमल किए हुए है। वही अब मध्यप्रदेश में भी इसकी शुरूआत करने की तैयारी की जा रही है। मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने विभाग के अधिकारियों को इस सबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देष दिए है। बस कुछ ठीक रहा तो आगामी माह में सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों के एमबीबीएस डॉक्टरों को पैथोलॉजी की कुछ जांच का अधिकार मिल जाएगा।