भारत का ऐसा पहला राजा, जिसने विदेशी महिला से किया था विवाह, इश्क में करना पड़ा सब कुछ कुर्बान

लव स्टोरी। प्रेम-मोहब्बत के किस्से आदि काल से चले आ रहे है। यहां हम बताने जा रहे है कि भारत के एक ऐसे पहले राजा जिसने अपनी विदेशी महिला प्रेमी को पाने के लिए सब कुछ कुर्बान करके अपनी मोहब्बत को मुकम्मल किया था। लव स्टोरी का यह वाक्या 1915 का है। जब राजा ने आस्ट्रेलिया की रहने वाली मौली फिंक नामक महिला के ऐसे दिवाने हुए कि उन्होने भारी विरोध के बाद भी विवाह कर लिए।

दरअसल उस राजा का नाम मार्तंड तोंडियन था। मीडिया खबरों से जो उल्लेख मिलते है। उसके तहत मार्तंड तोंडियन को विदेशी मौली से ऐसी मोहब्बत हुई कि वे उससे विवाह करने का प्रस्ताव तक दे दिए। बताते है कि उस समय विदेशी लड़की से विवाह करना वर्जित था, लेकिन मार्तंड तोंडियन नही माने और उन्होने मौली से ही शादी कर लिया।

पुडुकोट्टी के थें शासक

जानकारी के तहत राजा मार्तंड दक्षिण भारत की छोटी सी रियासत पुडुकोट्टी के शासक थे। राजा का दिल बहुत बड़ा था। उन्होंने प्रशासनिक कौशल से लेकर सैन्य तक अपनी पहचान बनाई थी। राजा तोंडियन ने अपने निजी जीवन में लिए गए एक असाधारण निर्णय के चलते वे इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए।

छोड़ना पड़ा था राज्य

जानकारी के तहत मार्तंड तोंडियन ने मौली को अपने राज्य ले आए और उन्होने विवाह का ऐलान कर दिए। यह जानकारी जब अंग्रेजों को लगी तो वे राजा के विरोध में हो गए। वे शादी का निमंत्रण पत्र तक नही बटने दिए। इसके बाद भी राजा मार्तड ने मौली से विवाह करके अपनी मोहब्बत को पूरा किए। विवाह के बाद राजा मार्तड को अपनी गद्रदी और राज्य छोड़ना पड़ा। वे मौली को लेकर फ्रांस चले गए और एक सफल शादी सुदा जिंदगी गुजरे।

1928 में राजा का निधन हो गया। जिस पर मौली ने अंग्रेजों से मांग किया कि राजा का अंतिम संस्कार उनके राज्य में करने दिया जाए, लेकिन अंग्रेज नही माने। जिसके बाद मौली ने अपने पति यानि राजा मार्तड का अंतिम संस्कार लंदन में ही पूरेे हिंदू रीति रिवाज से करवाया। लंदन में आज भी राजा मार्तड का स्मारक बना हुआ है। इस अमर प्रेम कथा को लोग जानने के लिए वहां जाते है।

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