Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए योगी सरकार युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी है। कुंभ क्षेत्र में नदियों में आई बाढ़ के कारण अब तक कुंभ मेला प्रशासन का फोकस मेले की स्थायी तैयारियों पर था, लेकिन जैसे-जैसे नदियों का बाढ़ का पानी तेजी से घट रहा है, अब कुंभ क्षेत्र में अस्थायी कार्यों ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। इन अस्थायी कार्यों में कुंभ क्षेत्र का सौंदर्यीकरण भी शामिल है। इसी क्रम में मेला क्षेत्र में थीम आधारित द्वारों का निर्माण कराया जा रहा है।
प्रयाग नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। Maha Kumbh 2025
महाकुंभ में सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ ही योगी सरकार महाकुंभ की खूबसूरती को लेकर भी मिशन मोड में काम कर रही है। महाकुंभ से पहले ही प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान जब श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचें तो वे यहां की आभा को देखकर न सिर्फ दंग रह जाएं, बल्कि धार्मिक आस्था के रंग में पूरी तरह डूब जाएं। लेकिन अब कुंभ क्षेत्र में सौंदर्यीकरण की योजना पर काम शुरू हो गया है।
मेले में 30 से अधिक द्वार बनाए जाएंगे। Maha Kumbh 2025
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि कुंभ क्षेत्र में सौंदर्यीकरण की योजना के तहत 30 अस्थायी थीमेटिक द्वार बनाने की योजना है। बाढ़ के कारण यह काम रोक दिया गया था, लेकिन अब बाढ़ का पानी उतरते ही अस्थायी थीमेटिक द्वार लगाने के लिए ईओआई आमंत्रित किए गए हैं। अब तक 10 फर्मों से रुचि के अनुसार 600 द्वारों के डिजाइन प्राप्त हो चुके हैं। इन 600 डिजाइनों में से चयनित डिजाइनों के अनुसार वित्तीय निविदा प्रक्रियाधीन है।
समुद्र मंथन की थीम के आधार पर बनाए जाएंगे द्वार।
इन सभी द्वारों के निर्माण के लिए कुंभ की पौराणिक कथा के संदर्भ में समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों का चयन किया गया है। पौराणिक प्रतीकात्मकता को आधार मानकर इन द्वारों का निर्माण किया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी का कहना है कि कुंभ क्षेत्र में इनका निर्माण चारों दिशाओं में किया जाएगा, लेकिन मेला क्षेत्र के उन सेक्टरों में जहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आवाजाही ज्यादा होती है।
चारों तरफ प्रमुख सेक्टरों के विज्ञापन लगाए जाएंगे। Maha Kumbh 2025
बता दें कि इन द्वारों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। इन द्वारों के आसपास मेला क्षेत्र के प्रमुख सेक्टरों के साइनेज भी लगाए जाएंगे। द्वारों का निर्माण करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि रात के समय इन द्वारों में ऐसी लाइटिंग की जाए जिससे ये दूर से ही अपनी भव्यता से यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकें।