Ujjain Mahakaleshwar Temple : देशभर में आज नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। मान्यता है आज के दिन नाग देवता को दुख पिलाया जाता है व उनकी पूजा अर्चना की जाती है , नाग पंचमी से सम्बन्धित बहुत सी कहानियां है जिसे हम सभी ने बचपन में सुना ही होगा ,आज एक रहस्यमयी मंदिर के बारे में जानेंगे मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में नाग पंचमी का विशेष महत्व है, क्योंकि हर साल इस मंदिर के कपाट सिर्फ एक दिन यानी नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं। इसलिए इस साल नाग पंचमी से पहले ही 8 अगस्त की देर रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाग देवता की पूजा करने के लिए कतार में लग गए थे।
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्पदंश का भय नहीं रहता और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन वासुकी, मणिभद्र, कालिका, धनंजय, तक्षक, कर्कोटक आदि की पूजा करने की परंपरा है। देशभर में इस तरह का एकमात्र मन्दिर है इस मंदिर के कपाट साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलते हैं। ऐसे में हर साल नाग पंचमी से एक दिन पहले यहां आधी रात से ही मंदिर में दर्शन करने वालों की कतार लगनी शुरू हो जाती है।
आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नाग पंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन को बेहद खास माना जाता है। महाकाल मंदिर परिसर में भगवान नागचंद्रेश्वर का बेहद पुराना मंदिर है। इस मंदिर में नाग पर विराजमान शिव-पार्वती की बेहद दुर्लभ मूर्ति है। मान्यता है कि मंदिर में नागचंद्रेश्वर की मूर्ति के दर्शन और पूजन से शिव-पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं और सर्प भय से मुक्ति मिलती है।
इस बार भी गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात पूरे विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ मंदिर के पट खोले गए। इस दौरान मंदिर के सभी पुजारी मौजूद रहे। पट खुलने के बाद नागचंद्रेश्वर का विधि-विधान से पूजन और अभिषेक किया गया। इस मंदिर में लोगों को पूरे दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने को मिलेंगे। इस दिन नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है