देश चाहता था निर्णायक हल, लेकिन 1947 से सेना पर राजनीति हावी है, रघु ठाकुर

रीवा। दुनिया में जिस तरह के हालात बने हुए है, उससे विश्व युद्ध की आहट बनी हुई है। यह बाते लोक तांत्रिक सामाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर ने अपने रीवा प्रवास के दौरान चर्चा करते हुए कही है। उन्होने कहां की रूस-युक्रेन एवं इजराइल हमास के युद्ध में लोग मारे जा रहे है। रघु ठाकुर ने ऑपरेशन सिंदुर की सफलता के लिए सेना का अभिनंदन करते हुए कहा कि देश निर्णायक हल चाहता था, लेकिन 1947 से देश में सेना पर राजनीति हावी है। जिसके चलते कोई ठोस निणर्य नही निकल पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ तो महज पंचायत की तरह काम कर रहा है।

एक देश एक चुनाव

रघु ठाकुर ने एक देश एक चुनाव पर जोर देते हुए कहा कि वे सरकार के इस निणर्य के साथ है। पंचायत से पालियामेंट का चुनाव एक साथ होना चाहिए। उन्होने कहा कि चुनाव में सुधार की जरूरत है। एक व्यक्ति एक ही स्थान से चुनाव लड़े। अगर ऐसी व्यवस्था बनाई जाती है तो इससे बार-बार चुनाव होने से बचाया जा सकता है। उन्होने जाति जनगणना का समर्थन किए।

आरक्षण हिस्सेदारी का रोल मॉडल है

लोक तांत्रिक सामाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आरक्षण हिस्सेदारी का रोल मॉडल बन रहा है, जबकि अनुछेद-14 में यह प्रावधान है कि एक पीढ़ी को ही आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए और आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए। उन्होने कहा कि गरीब परिवार को ही केवल सरकारी नौकरिया मिलनी चाहिए, तभी देश से विषमता दूर होगी और समता कायम हो पाएगी। यही लोहिया जी की विचारधारा थी, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज सरकारी स्कूलें बंद हो रही है। अर्थव्यवस्था में देश चौथे पायदान पर है, लेकिन 85 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे है। उन्होने कहा कि मुफ्त की योजनाएं जनतंत्र को कंमजोर कर रही है।

संसद में करोड़ पति बैठे है

वरिष्ठ राजनैतिक चिंतक एवं समाजवादी विचारक रघु ठाकुर ने कहा कि आज देश में करोड़पति लोग बैठे है, लेकिन चुनाव में जाति और धन का बोलबाला होता है, जाति और अर्थ हावी होता है। यह समाजवादी विचारधारा को कंमजोर कर रहा है। जरूरत है कि गरीब को भी राजनीति में मौका दिया जाए। जब सांसद में गरीब व्यक्ति की भागीदारी होगी तभी विषमता मिटेगी। उन्होने कहा कि पर्यावरण सुधार की बेहद जरूरत है। जो हालात बन रहे है उससे आदमी सांस नही ले पाएगा। इस क्षेत्र में सरकार और सभी को विचार करने की जरूरत है।

लोक तांत्रिक सामाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर

देश में गांधीवादी-समाजवादी चिंतक के रूप में ख्याति प्राप्त समाजसेवी एवं राजनीतिज्ञ रघु ठाकुर विचारक, एक्टिविस्ट, जननेता के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी हैं। 10 जून 1946 को माता श्रीमती तुलसी बाई एवं पिता भवानी सिंह के पुत्र के रूप में सागर में जन्में रघु ठाकुर बाल्यावस्था से ही चिंतनशील है। पीड़ित मानवता के प्रति संवेदनाएं उन्हें समाजसेवा के लिए प्रेरित करती रहीं। आरम्भिक शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत शैक्षिक सीढ़ियां चढ़ते हुए उच्चशिक्षा की ओर कदम बढ़ाया। उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद विधि में स्नातक शिक्षा प्राप्त की।

उन्होंने महात्मा गांधी के राजनीतिक एवं दार्शनिक विचारों का गहन अध्ययन किया। उन्होंने राममनोहर लोहिया के विचारों को अपने मनोनुकूल पाया और उसे अपने जीवन में आत्मसात कर लिया। भारत में समाजवाद को ले कर हमेशा एक अस्पष्टता सी रही है। रघु ठाकुर इस अस्पष्टता को दूर कर के देश में एक समतामूलक समाज की संरचना करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। अपने अध्ययन काल से आज तक वे दलित, दमित एवं वंचितों के पक्ष में आवाज़ उठाते रहे हैं।

रघु ठाकुर ने डॉ. लोहिया द्वारा प्रकाशित ‘जन’ तथा ‘मैनकाइंड’’ में लेखनकार्य किया। उन्होंने जार्ज फर्नान्डीज़ द्वारा प्रकाशित ‘प्रतिपक्ष’ तथा ‘दी अदर साईड’ में संपादन कार्य भी किया। वे सुल्तानपुर , उत्तरप्रदेश से प्रकाशित ‘‘लोकतांत्रिक समाजवाद’’ मासिक के संस्थापक सदस्य रहे तथा भोपाल, मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाले ‘‘दुखियावाणी’’ का संपादनकार्य सम्हाल रहे हैं। वैसे वर्तमान में वे दक्षेस महासंघ के अध्यक्ष एवं लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

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