Aurangzeb Tomb News In Hindi: महाराष्ट्र में औरंगजेब और उसकी कब्र को लेकर विवाद लगातार जारी है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल जैसे कई हिंदू संगठन कब्र को गिराने की मांग कर रहें हैं, कल इसी बात को लेकर नागपुर में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प और आगजनी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए, जिसके बाद नागपुर में भारी पुलिसबल तैनात किया गया। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने लोगों से शांति की अपील की है। अब इसी मुद्दे पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत के एक बयान से भारी संग्राम छिड़ गया है।
क्या बोले संजय राउत
सोमवार को संजय राउत ने एक बयान में कहा- ” औरंगजेब की कब्र शौर्य का प्रतीक है, यह कभी नहीं टूटनी चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से इतना बड़ा युद्ध लड़ा, उसके बाद भी औरंगजेब 25 वर्षों तक मराठों से लड़ता रहा, लेकिन कभी जीत नहीं सका। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र स्थित है, जो मराठों के शौर्य का प्रतीक है।
संजय राउत ने आगे कहा- औरंगजेब की हो या अफजल खान की कब्र, यह मराठों के शौर्य का प्रतीक है। आने वाली पीढ़ियों को पता चलना चाहिए शिवाजी महाराज और मराठों ने आक्रमणकारी दुश्मनों से कितनी लड़ाइयाँ लड़ी हैं, और ये मराठों पर कभी हावी नहीं हो पाए, इसीलिए इस कब्र को ऐसे रहने देना चाहिए। बात दें संजय राउत लगातार बीजेपी और महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हैं, उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए भारत को हिंदू पाकिस्तान बनाने का आरोप लगाया था।
प्रमोद कृष्णन ने संजय राउत पर साधा निशाना
संजय राउत के इस बयान और टिप्पणी के बाद अब पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने संजय राउत और राहुल गांधी पर निशाना साधा है, उन्होंने अपने बयान में कहा- 1947 में भारत को तोड़ने का एक ख्वाब मोहम्मद अली जिन्ना ने देखा था, उसी तरह का एक ख्वाब राहुल गांधी के साथ मिलकर संजय राउत देख रहे हैं। राहुल गांधी के साथ रहने से उद्धव ठाकरे और उनके परिवार और पार्टी पर, राहुल के राहू की छाया पड़ गई है।
उन्होंने आगे अपने बयान में कहा- संजय राउत, राहुल गांधी के साथ मिलकर देश तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत की जनता अब उनके मंसूबों को समझ गई है इसीलिए अब वह उनका कभी समर्थन नहीं करेगी, इसीलिए अब वह देश तोड़ कर दूसरा पाकिस्तान बना कर राहुल गांधी को वहाँ का प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।
क्या हुआ था नागपुर
दरसल सोमवार को सुबह नागपुर के महाल इलाके में शिवाजी चौक के आस-पास विश्वहिंदू परिषद और बजरंगदल के कार्यकर्ता औरंजेब की कब्र को हटाने के लिए प्रदर्शन किया था, औरंगजेब की प्रतीकात्मक प्रतिमा भी जलाई थी। लेकिन एक अफवाह के बाद शाम को कुछ मुस्लिम युवक शिवाजी चौक पर इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे, वह सुबह किए गए विश्वहिंदू परिषद के नारेबाजी से नाराज थे, जब यह बात इलाके के हिंदूपरिषद के कार्यकर्ताओं को लगी तो वह भी इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे, इन्हीं नरेबाजियों के बीच दोनों गुटों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को इलाके से खदेड़ दिया, लेकिन चिटनिस पार्क के आगे भालदरपुरा के इलाके में पुलिस के ऊपर पत्थर फेंके गए, जिसमें तोड़-फोड़ और आगजनी भी हुई, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया और आँसू गैस के गोले भी दागे।
कैसे शुरू हुआ यह विवाद
3 मार्च को सपा नेता अबू आजमी के बयान के बाद यह मुद्दा गरमाया था, जब उन्होंने औरंगजेब की तारीफ की थी, जिसके बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था, उसके बाद शिवाजी राजे के वंशज बीजेपी नेता उदयन राजे भोंसले ने औरंगजेब कब्र को गिरा देने की मांग की थी, जिनका समर्थन बीजेपी के कई नेताओं ने किया था, इसके बाद विश्वहिंदू परिषद और बजरंगदल इत्यादि हिंदू संगठन जोर-शोर से कब्र को गिराने की मांग करने लगे, विहिप ने तो कब्र गिराने के लिए कारसेवा की भी बात की है।