The Bengal Files: भारतीय सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि समाज, संस्कृति और इतिहास का आईना भी है। यहां जब भी कोई फिल्म कड़वी सच्चाई पर्दे उतारती तो अक्सर उसे विवादों में घिरना पड़ता है। ऐसा ही हाल विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ के साथ हो रहा है।
जी हां ‘द बंगाल फाइल्स’, फाइल्स ट्रायलॉज़ी की तीसरी फिल्म है जिसे कश्मीर फाइल्स, द केरल स्टोरी के बाद रिलीज किया जा रहा है। यह मूवी भी विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर बनाई गई है। ऐसे में इस मूवी के रिलीज से पहले ही इस पर विवाद उठने लगे हैं।
कोलकाता में मूवी रिलीज़ पर विवाद
जी हां, ‘द बंगाल फाइल्स’ मूवी 5 सितंबर 2025 को रिलीज होने वाली थी, परंतु ठीक उससे पहले ही राजनीतिक विवाद होने लगे जिसकी वजह से यह मूवी विवादों के घेरे में आ गई। मूवी के विवाद में पड़ने की वजह से मूवी की निर्माता पल्लवी जोशी और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने पश्चिम बंगाल के थिएटर मालिकों पर राजनीतिक दबाव डालने जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यह आधिकारिक विरोध नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों का दबाव है जो नहीं चाहती कि कोलकाता में यह मूवी रिलीज हो।

पाठकों की जानकारी के बता दे पश्चिम बंगाल की राजनीति में यह फिल्म चर्चा का विषय बन गई है। तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दल इस फिल्म को रिलीज होने देने से रोक रहे हैं। उनका कहना है कि यह मूवी भाजपा के एजेंडा को मजबूत करती है जबकि फिल्म में असलियत दिखाई जा रही है।
फिल्म में 1946 के दंगों का चित्रण किया जा रहा है और उस दौरान किस प्रकार कोलकाता के लोगों पर अत्याचार हुए उसका विवरण दिखाया जा रहा है। हालांकि मूवी को लेकर पल्लवी जोशी और विवेक अग्निहोत्री ने राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को पत्र लिखकर अनुरोध किया है।
फ़िल्म के मेकर्स ने लगाया राजनीतिक पार्टी पर इल्ज़ाम
रिपोर्ट की माने तो इस मूवी पर कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है लेकिन कहा जा रहा है कि कोलकाता के मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन के मालिक फिल्म नहीं दिखाना चाह रहे है। हालांकि फिल्म के मेकर्स की माने तो सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स थिएटर के मालिकों को राजनीतिक पार्टी द्वारा धमकाया जा रहा है इसकी वजह से बंगाल में सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स थिएटर के मालिक इस फिल्म को नहीं चला रहे।
बात करें The Bengal Files फिल्म की स्टोरी की तो यह फिल्म कोलकाता की बैकग्राउंड पर बनी है। इस फिल्म में 1946 में नवाखाली दंगों और विभाजन की त्रासदी का वर्णन किया गया है। फिल्म में अत्यधिक हिंसा और संवेदनशील सामग्री दिखाई जा रही है जिसकी वजह से इसे सेंसर बोर्ड ने A वयस्क का प्रमाण पत्र दिया है फिल्म के मुख्य कलाकार मिथुन चक्रवर्ती ,पल्लवी जोशी, अनुपम खेर हैं।