रीवा में माटी शिल्पकारों को प्रशासन ने दिया महत्वं, मिलेगा यथा स्थान, नही लगेगे शुल्क

रीवा। परंपरागत माटी शिल्पियों को बाजार में उचित स्थान उपलब्ध कराने के निर्देश रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने दिए है। उन्होने अपने जारी आदेश में कहा है कि माटी शिल्पियों से किसी भी तरह की कर वसूली न किया जाए। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने परंपरागत माटी शिल्पियों को केवल शहरी क्षेत्रों में नही बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के बाजार, हाट बाजार व अन्य स्थानों में भी उचित स्थल उपलब्ध कराते हुए इनसे किसी भी प्रकार की कर वसूली न करने का आदेश दिए है।

माटी शिल्प को प्रोत्साहन

उल्लेखनीय है कि दीपावली एवं अन्य त्योहारों में मिट्टी से बने खिलौनों, मूर्तियों, दीपक सहित अन्य उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कलेक्टर द्वारा माटी शिल्पियों को बाजार, हाट में सामग्री विक्रय के लिये उचित स्थान उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जिले के निवासियों से अपेक्षा की है कि स्वदेशी व मिट्टी से बने उत्पाद खरीदें क्योंकि उनके जीवन यापन का यह मुख्य आधार है और उनकी कला को प्रोत्साहन भी मिलता है।

दीपावली पर्व पर ज्यादा पहुचते है व्यापारी

ज्ञात हो कि माटी शिल्पकार यू तो हमेशा मिट्टी से बने बतैन आदि की बिक्री करते है, लेकिन दीपावली पर्व पर जलाई जाने वाली दिया का महत्वं बहुत होता है। यही वजह है कि माटी शिल्पकारों के लिए भी यह पर्व काफी अंहम होता है। वे मिट्रटी से बने खिलौनों, मूर्तियों, दीपक आदि को बाजार में बिक्री करने के लिए लेकर पहुचते है। यह उनके लिए रोजगार का साधन बनता है।

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