एमपी की मोहन सरकार के विभाजन पर तहसीलदारों ने खोला राज, जानिए क्या?

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Rewa Tehsildar Andolan News। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजस्व मामलो में जल्द निर्णय लाने के लिए तहसीलदार व कार्यपालिक के दायित्व के आधार पर कार्य विभाजन कर दिया है। इसे लेकर तहसीलदार विरोध कर रहे है।

इसके चलते पूरे चलते राजस्व न्यायालयों को काम ठप्प पड़ा हुआ है और दूसरे की फरियाद सुनकर न्याय देने वाले तहसीलदार व नायब तहसीलदार अपने साथ हुए अन्याय के विरूद्ध न्याय के लिए भटक रहे है। पिछले दो दिनों से वह काम नहीं कर रहें है।

हालांकि इस दौरान तहसीलदार आपदा में पीड़ित किसानों की राहत राशि के वितरण में सहयोग दिया है। गुरूवार को आगे की राणनीति के लिए जिला कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ कि मांगे पूरी होने तक अपना विरोध दर्ज कराएंगे। दूसरे दिन तहसीलदार व नायब तहसीलदार काले कपड़े पहनकर विरोध जताया।

इस दौरान तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने कहा कि हमने सरकार ने बेहतर काम के लिए संसाधन मांगा था। इसके विरूद्ध सरकार ने विभाजन कर दिया। पिछले दो दिनों से तहसीलदार के न्यायिक काम नहीं करने से पक्षकारों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। वह ग्रामीण क्षेत्रों से किराया खर्च कर तहसील पहुंचते है इसके बाद निराश होकर खाली हाथ लौट जाते है।

मूलअधिकार को लेकर है लड़ाई

तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने बताया वह अपनी लड़ाई मूल अधिकारियों के लिए लड़ रहे है। हमने बतौर तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पद पर काम करने आया है लेकिन सरकार अब हमसे इसके आलावा अन्य काम ले रही है।

मोहन सरकार ने बोला कुछ किया कुछ

तहसीलदारों ने बताया कि सरकार ने कार्य विभाजन को लेकर पायलट प्रोजेक्टर के रूप में लागू करने को कहा था। साथ ही इसके परिणाम को देखने के बाद इसे प्रदेश में लागू करना था। इसके बावजूद सरकार ने इसे एक साथ लागू कर दिया। जिससे लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार में आक्रोश है।

2016 से बाद नहीं हुई पदोन्नित

तहसीलदारों ने बताया कि सरकार 2016 से उन्हें पदोन्नति नहीं मिल रही है। इतना ही नहीं उन्होंने सरकार से कभी काम की अधिकता को लेकर कोई सवाल भी नहीं उठाए है। बावजूद सरकार उन्हें संसाधन नहीं देकर मूल काम से अलग करने यह विभाजन की कार्ययोजन बनाई है।

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