Gwalior: आरोपी तहसीलदार ने गुपचुप तरीके से पुलिस को भनक लगे बिना अपना तबादला ग्वालियर से बैतूल करा लिया था। लेकिन दो महीने गुजरने के बाद भी बैतूल में ज्वाइन नहीं किया। जिस पर शासन ने बैतूल कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी। बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद शासन ने फरार तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया है।
Gwalior/MP News in Hindi: ग्वालियर में दुष्कर्म के आरोप में फरार पांच हजार के इनामी आरोपी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपी तहसीलदार ने गुपचुप तरीके से पुलिस को भनक लगे बिना अपना तबादला ग्वालियर से बैतूल करा लिया था। लेकिन दो महीने गुजरने के बाद भी बैतूल में ज्वाइन नहीं किया। जिस पर शासन ने बैतूल कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी। बैतूल कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद शासन ने फरार तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया है। दुष्कर्म के मामले में आरोपी FIR दर्ज हुए दो महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी ग्वालियर की महिला थाना पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। इधर पुलिस दुष्कर्म पीड़िता को हर दिन बयान या अन्य किसी कारण से परेशान कर रही है। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी तहसीलदार उसके गांव जाकर आए दिन पिता व भाई को परेशान करता है।
मंदिर में सिंदूर भरकर की शादी
दुष्कर्म पीड़ित महिला भिंड की रहने वाली है, फिलहाल वह ग्वालियर के थाटीपुर में रह रही है। उसने पुलिस को बताया कि साल 2005-06 में उसकी शादी हुई थी। दो साल बाद उसके पति का निधन हो गया। उसके जेठ के पास तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान का आना-जाना था। महिला का आरोप है कि 10 अगस्त 2008 को भिंड में रात 10:30 बजे तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने शादी का वादा करते हुए उसके साथ संबंध बनाए। इसी साल वह नायब तहसीलदार बन गए। इसके बाद वे लगातार उसका शारीरिक शोषण करते रहे।
साल 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में तहसीलदार ने पीड़ित की मांग में सिंदूर भरकर शादी की। इसके बाद जहां भी उनकी पोस्टिंग हुई, उन्होंने उसे वहां साथ रखा। महिला का कहना है कि 2014 में उसने बेटे को जन्म दिया, जिसका डीएनए टेस्ट कभी भी कराया जा सकता है।
विरोध पर की मारपीट
महिला ने बताया कि तहसीलदार की कुल चार बीवियां हैं। जब उसे (पीड़ता) इसकी जानकारी हुई तो उसने विरोध किया जिसके कारण तहसीलदार ने उससे मारपीट की। बात करना भी बंद कर दिया। साथ ही उसका पैसा और गहने भी लेकर चला गया। 2 जनवरी 2025 को लगभग शाम 7 बजे के बीच तहसीलदार ने उसके घर आकर दुर्व्यवहार करने की कोशिश की लेकिन उसने उसे धक्का देकर भगा दिया। पीड़ित महिला ने कहा कि उसने दिसंबर में ही मामले की शिकायत महिला थाने में की थी लेकिन एफआईआर 15 जनवरी की रात दर्ज की गई।
FIR के तीसरे दिन करा लिया ट्रांसफर
दुष्कर्म का आरोप लगने के तीसरे ही दिन आरोपी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने अपना ट्रांसफर करा लिया था। हालांकि शासन स्तर पर सिर्फ उसी का ट्रांसफर हुआ था। उसे ग्वालियर से बैतूल भेज दिया गया। यह बात जिला प्रशासन ने पुलिस प्रशासन से नहीं बताई, जबकि आरोपी तहसीलदार पांच हजार का इनामी है। आरोप लगने के तत्काल बाद ही उन्हें राजस्व कार्यालय में अटैच किया गया था। पर यहां उन्होंने ज्वाइन नहीं किया।
कलेक्टर की रिपोर्ट पर तहसीलदार सस्पेंड
पांच हजार के इनामी आरोपी तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने गुपचुप तरीके से अपना ट्रांसफर तो करा लिया, लेकिन गिरफ्तारी के डर से उसने बैतूल में अपनी ज्वाइनिंग नहीं किया। लगातार फरार होने पर शासन ने बैतूल कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी से मामले की रिपोर्ट मांगी। कलेक्टर की रिपोर्ट पर शासन ने
शत्रुघन सिंह चौहान को सस्पेंड कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट तक जमानत याचिका खारिज
ग्वालियर में दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान ने पहले जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उसने ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन वहां से भी आवेदन खारिज हो गया। जिसके बाद पुलिस ने फरार तहसीलदार पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद फरार तहसीलदार ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका लगाई। उसे वहां से भी राहत नहीं मिली।
पुलिस को नहीं मिल रहा आरोपी
मामले पर महिला थाना प्रभारी दीप्ति सिंह तोमर का कहना है कि वह फरार तहसीलदार की तलाश कर रही हैं, लेकिन वो पकड़ में नहीं आ रहा। पुलिस लगातार आरोपी को गिरफ्तार करने में फेल साबित हो रही है।