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विद्यार्थियों को आनंदित जीवन जीने की कला सिखाने शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

Teachers are being given training to teach students the art of living a happy life.

Teachers are being given training to teach students the art of living a happy life.

Teachers are being given training to teach students the art of living a happy life: मध्यप्रदेश में राज्य आनन्द संस्थान एवं स्कूल शिक्षा विभाग की पहल पर विद्यार्थियों को आनंदित जीवन जीने की कला सिखाने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिये मानवीय मूल्य आधारित शिक्षा का पाठ्यकम तैयार कर प्रदेश के समस्त सीएम राइज एवं उत्कृष्ट विद्यालयों में कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों के लिये संचालित किया जा रहा है। इस संदर्भ में प्रदेश के समस्त सीएम राइज एवं उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों हेतु 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन संभाग स्तर पर किया जा रहा है। रीवा व शहडोल संभाग का यह प्रशिक्षण शासकीय मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 उत्कृष्ट विद्यालय रीवा में आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ के पी तिवारी ने बताया कि यह कार्यशाला 6 दिवसीय है तथा यह पांच बैचों में संचालित की जा रही है।

राज्य आनन्द संस्थान, आनन्द विभाग भोपाल के कार्यक्रम समन्वयक डॉ के पी तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में राज्य आनन्द संस्थान एवं सकूल शिक्षा विभाग की पहल पर विद्यार्थियों को आनंदित जीवन जीने की कला सिखाने के लिये मानवीय मूल्य आधारित शिक्षा का पाठ्यकम तैयार कर आनंद सभा में सर्वाभौमिक मानवीय मूल्य के आधार पर कार्यकम, प्रदेश के समस्त सीएम राइज एवं उत्कृष्ट विद्यालयों में कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों के लिये संचालित कर रहा है। इस संदर्भ में प्रदेश के समस्त सीएम राइज एवं उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों हेतु 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन संभाग स्तर पर किया जा रहा है। यह कार्यकम ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम् के साथ रीवा एवं शहडोल संभाग का रीवा में किया जा रहा है। रीवा व शहडोल संभाग का यह प्रशिक्षण शासकीय मार्तण्ड स्कूल क्रमांक 1 उत्कृष्ट विद्यालय रीवा में आयोजित हो रहा है।

डॉ तिवारी ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यशाला 6 दिवसीय है तथा यह पांच बैचों में संचालित की जा रही है। जो कमशः 10 मई से 15 मई, 16 से 21 मई, 22 से 27 मई, 28 मई से 2 जून तथा 3 जून से 8 जून 2025 तक चलेगी। यह कार्यशाला संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा रीवा के सहयोग से तथा राज्य आनन्द संस्थान के मास्टर ट्रेनर एवं AICTE प्रशिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को सशक्त एवं परिपूर्ण जीवन कला सीखने तथा आंतरिक क्षमता विकसित करने के लिये आनन्द सभा कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यशाला से रीवा व शहडोल संभाग के विभिन्न विद्यालयों के 500 शिक्षक, प्रशिक्षण प्राप्त का अपने अपने विद्यालयों में विद्यार्थियों के साथ संस्थान द्वारा तैयार मॉडयूल द्वारा गतिविधियों को संचालित करेंगे। इस मॉडयूल में देने का सुख, क्षमा करने की शक्ति, क्षमा मांगने की शक्ति, कृतज्ञता की शक्ति, दूसरों मैं अच्छाईयां देखना, स्वीकार्यता का महत्व, ध्यान की शक्ति, संकल्प की शक्ति, दृष्टिकोण का महत्व, चिंता का कोई लाभ नहीं एवं आत्मविश्वास से सम्बन्धित 11 सत्रों को शामिल किया गया है। इस प्रशिक्षण का समापन आगामी 8 जून को होगा।

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