Teacher Job Security Crime: छिंदवाड़ा जिले के धनोरा चौकी क्षेत्र के ग्राम नांदनवाड़ी में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। नौकरी बचाने के लिए एक शिक्षक ने अपने तीन दिन के नवजात शिशु को अपने सीने पर पत्थर रखकर सड़क किनारे पत्थरों के बीच दबा छोड़ दिया। शिक्षक और उसकी पत्नी को लगा कि बच्चा मर जाएगा। नवजात पूरी रात ठंड और बारिश में ठिठुरता रहा।
Chhindwara News: छिंदवाड़ा जिले के धनोरा चौकी अंतर्गत ग्राम नांदनवाड़ी में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। नौकरी बचाने के लिए एक शिक्षक और उसकी पत्नी ने अपने तीन दिन के नवजात शिशु को सड़क किनारे पत्थरों के बीच दबाकर छोड़ दिया, यह सोचकर कि बच्चा मर जाएगा। नवजात रातभर ठंड और बारिश में लावारिस पड़ा रहा।
सुबह एक राहगीर ने शिशु के रोने की आवाज सुनी और तत्काल पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दी। पुलिस ने बच्चे को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार, रातभर ठंड में रहने और चीटियों व अन्य कीड़ों के काटने से शिशु को गंभीर संक्रमण का खतरा था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया।
नौकरी से निलंबन का डर
धनोरा पुलिस के अनुसार, आरोपी पिता बबलू डांडोलिया और मां राजकुमारी डांडोलिया, ग्राम सिधौली, थाना तामिया के निवासी हैं। बबलू नांदनवाड़ी के प्राथमिक स्कूल में तृतीय श्रेणी शिक्षक हैं। पूछताछ में पता चला कि चौथी संतान होने के कारण नौकरी से निलंबन का डर था।
पत्नी की गर्भावस्था को छुपाते हुए, बबलू ने 23 अक्टूबर की रात लगभग 3 बजे घर पर ही प्रसव कराया। प्रसव के बाद राजकुमारी का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे अमरवाड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद घर लौटने पर दंपति ने साजिश रचकर नवजात को नांदनवाड़ी के जंगल में लावारिस छोड़ दिया। धनोरा पुलिस ने धारा 93 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है।