कोविड की आशंका एक बार फिर मंडरा रही है और ऐसे समय में जब स्कूल खुलने की तैयारी हो रही है, बच्चों को कोविड एटीकेट्स सिखाना बेहद ज़रूरी हो गया है। क्योंकि खासकर छोटे बच्चे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और उनके व्यवहार में थोड़े से बदलाव से बड़े खतरे को टाला जा सकता है। यह आर्टिकल पेरेंट्स और टीचर्स दोनों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका में है कि कैसे बच्चों को सरल और असरदार तरीक़े से कोविड से जुड़ी सावधानियां सिखाएं।
बच्चों को हैंड हाइजीन की आदत डालें
- बच्चों को सिखाएं कि खाना खाने से पहले हर बार बाथरूम से आने के बाद और बाहर से लौटने पर 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना ज़रूरी है।
- बच्चों को हैण्ड सैनिटाइज़र का सही इस्तेमाल भी सिखाएं खासकर जब साबुन-पानी उपलब्ध न हो।
मास्क लगाने का महत्व और पहनने का सही तरीका समझाएं
- बच्चों को रंग-बिरंगे या उनके पसंदीदा कार्टून वाले मास्क दें ताकि वो इसे खुशी से पहनें।
- उन्हें यह सिखाएं कि मास्क को बार-बार हाथ न लगाएं और हमेशा नाक और मुंह ढककर पहनें।
सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को सरल भाषा में बताएं
- स्कूल में बच्चों को दोस्तों से मिलना अच्छा लगता है लेकिन अभी थोड़ा फासला क्यों जरूरी है ये समझाएं।
- वन हैण्ड डिस्टेंस यानी “1 हाथ की दूरी” या “दो सीट छोड़कर बैठना” जैसे व्यावहारिक उदाहरण छोटी सी स्टोरी बनाकर या किसी सत्य घटना के बताएं और समझाएं।
छींकने और खांसने का शिष्टाचार सिखाएं
- बच्चों को टिशू या कोहनी में मुंह छिपाकर खांसना या छींकना सिखाएं।
- बच्चों को टिशू पेपर का इस्तेमाल करने के बाद उसे डस्टबिन में फेंकना भी हिदायत देकर बताएं।
कोरोना से डर नहीं, समझदारी जरूरी
- बच्चों को कोविड से सुरक्षित रहने,डराकर नहीं, समझाकर बातें करें। उन्हें बताएं कि यह सावधानियां उन्हें और उनके दोस्तों को सुरक्षित रखने के लिए हैं।
हेल्दी रूटीन बनाएं
- पौष्टिक आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से इम्युनिटी बेहतर होगी ये बच्चों और सारे फैमिली मेंबर्स के लिए अनिवार्य करें।
- स्क्रीन टाइम घटाएं और आउटडोर गतिविधियां बढ़ाएं (यदि संभव हो सके तो)। रोल-प्ले और स्टोरी के ज़रिए सिखाएं कोविड-एटीकेट्स
“कोरोना वॉरियर” जैसी कहानियां या नाटकीय शैली में एक्टिंग करके बच्चों को आकर्षक व रोचक तरीक़े से नियमों का अभ्यास करवाएं।
विशेष :- सावधानी में ही सुरक्षा है, बच्चे देश का भविष्य हैं और उन्हें सुरक्षित रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। स्कूल खुलने से पहले यदि हम बच्चों को कोविड एटीकेट्स सिखा दें, तो न केवल संक्रमण का खतरा कम होगा, बल्कि वे औरों से न सिर्फ अलग और विशिष्ट नजर आएंगे बल्कि सबसे अच्छे व प्रेरक भी बनेंगे।