सिद्धारमैया मंदिरों से वसूलेंगे टैक्स!

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कर्नाटक सरकार ने मंदिरों पर 5 और 10 फीसदी टैक्स लागू कर दिया है. इस पर राज्य में बवाल खड़ा हो गया है. विपक्षी दल भाजपा ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को आड़े हाथ लिया है. जानते हैं कि किस आधार पर ये टैक्स लगाया गया है, जिसे भाजपा जजिया कर और चौथ वसूली करार दे रही है.

Tax collection from temples in Karnataka: कर्नाटक के मंदिरों पर कर लगाने को लेकर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. दरअसल राज्य सरकार ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई करने वाले मंदिरों पर 10 फीसदी सालाना टैक्स का प्रावधान कर दिया है. वहीं 10 लाख रुपए से 1 करोड़ तक की कमाई करने वाले कर्नाटक के मंदिरों को अपनी सालाना आय का 5 फीसदी भुगतान करना होगा। टैक्स भुगतान करना होगा। राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इसे कांग्रेस सरकार की ओर से लगाया गया जजिया कर करार दिया है. वहीं कर्नाटक भाजपा के कुछ नेताओं ने इसे मंदिरों से चौथ वसूली जैसा बताया है. क्या आप जानते हैं कि मंदिरों पर ये कर किस कानून के तहत लगाया गया है? चौथ वसूली क्या है और कब शुरू हुई थी?

कर्नाटक सरकार ने मंदिरों से कर वसूली के लिए एक विधेयक विधानसभा में पारित कराया है. इस नए बिल को लेकर ही कर्नाटक में सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है. राज्य सरकार ने 21 फरवरी को हिंदू धार्मिक संस्थाएं और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024 को विधानसभा में पारित कराया। भाजपा ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ दल पर मंदिरों के पैसों से अपना खाली खजाना भरने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने आरोपों को निराधार बताया है.

क्यों लगाया गया मंदिरों में टैक्स?

Karnataka Ke Mandiron Mein Kyon Lagaaya Gaya Mandiron Mein Tax: राज्य सरकार का कहना है कि साझा योगदान वाले कोष की राशि बढ़ाने, अधिसूचित संस्थानों की प्रबंधन समिति में विश्व हिंदू मंदिर वास्तुकला व मूर्तिकला में कुशल व्यक्तियों को शामिल करने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए मंदिरों व बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए जिला तथा राज्य स्तरीय समितियों का गठन करना जरुरी था. वहीं केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कर्नाटक विधानसभा में पारित विधेयक को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार की जमकर आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ऐसा करके राज्य सत्तारूढ़ पार्टी एक निचले स्तर तक गिर गई है. हर बार जब आप सोचते हैं कि कांग्रेस इससे ज्यादा निचले स्तर तक नहीं गिर सकती, तभी पार्टी निचले स्तर तक गिरने का नया उदाहरण पेश कर देती है.

सिद्धारमैया ने भाजपा पर साधा निशाना

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोपों के जवाब में कहा कि भाजपा नेताओं के आरोप निराधार हैं. वे जनता को गुमराह करने और राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1997 में अधिनियम लागू होने के बाद से हमेशा एक सामान्य पूल बनाने का आदेश दिया गया है. सामान्य पूल का प्रबंधन केवल हिंदू धर्म से जुड़े धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. विधेयक का उद्देश्य ‘ए’ कैटेगरी के मंदिरों के अधिकार क्षेत्र में तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा उपलब्ध कराना है. भाजपा के आरोपों पर परिवहन और हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि यह प्रावधान 2023 से लागू है.

मंदिरों में राजस्व को लेकर क्या व्यवस्था है?

रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि ज्यादा आय वाले मंदिरों से राजस्व जुटाने के लिए 2011 की भाजपा सरकार एक संशोधन लाई थी. उन्होंने ये भी कहा कि 1 मई 2023 को कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम 1997 लागू किया था. कर्नाटक में राजस्व के नजरिये से ‘सी’ श्रेणी में 3,000 मंदिर हैं. इनकी सालाना आय 5 लाख रुपए से कम है. ऐसे मंदिर धार्मिक परिषद को कोई पैसा नहीं देते हैं. बता दें कि धार्मिक परिषद तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर प्रबंधन में सुधार करने वाली समिति है. वहीं 5 लाख से 25 लाख रुपए तक आय का 5 फीसदी 2003 से ही धार्मिक परिषद को जाता है. अब हमने 10 लाख रुपए तक की आय वाले मंदिरों को धार्मिक परिषद को किए जाने वाले भुगतान से छूट दे दी है.

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