Tata बनाएगी Rafale Jet का Fuselage: भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को मिलेगा बड़ा बूस्ट

भारत के डिफेंस सेक्टर (Indian Defense Sector) में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए टाटा समूह (Tata Group) ने फ्रांस की प्रमुख कंपनी डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के साथ एक महत्वपूर्ण करार किया है। इस समझौते के तहत भारत में राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) के फ्यूजलाज (Fuselage) का निर्माण किया जाएगा। यह साझेदारी न केवल भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि मेक इन इंडिया (Make in India) पहल को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करेगा और अपने अत्याधुनिक नागपुर प्लांट में राफेल के लिए फ्यूजलाज का उत्पादन करेगा। राफेल, जो भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत का प्रतीक है, अपनी उन्नत तकनीक और युद्धक क्षमताओं के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस डील के माध्यम से भारत में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए स्थानीय उद्योगों को नई दिशा मिलेगी।

इस करार से भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत होगा। सूत्रों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे, खासकर महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र में। यह स्थानीय युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट और टेक्निकल ट्रेनिंग का भी एक बड़ा अवसर होगा। टाटा समूह ने इस प्रोजेक्ट को भारत के लिए एक गर्व का क्षण करार दिया है और कहा है कि यह भारत को वैश्विक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब (Global Defense Manufacturing Hub) बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भारत की डिफेंस इंडस्ट्री (Indian Defense Industry) में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राफेल के फ्यूजलाज का निर्माण भारत में होने से न केवल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि यह भारतीय कंपनियों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने का मौका भी देगा। इस प्रोजेक्ट के तहत उत्पादन जल्द शुरू होने की उम्मीद है, और इससे भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

टाटा समूह के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह साझेदारी भारत के डिफेंस सेक्टर में एक नया अध्याय जोड़ेगी। हम डसॉल्ट एविएशन के साथ मिलकर भारत को डिफेंस टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इस डील को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) अभियान का एक ठोस उदाहरण माना जा रहा है।

इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट भारत के अन्य डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) ने इस करार का स्वागत किया है और इसे भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। आने वाले वर्षों में यह साझेदारी भारत को डिफेंस निर्यात के क्षेत्र में भी एक प्रमुख खिलाड़ी बना सकती है।

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