भारतीय शतरंज खिलाड़ी और महिला ग्रैंडमास्टर तानिया सचदेव (TANIA SACHDEVA) ने खेल को समर्थन की कमी पर चिंता व्यक्त की,,,
NEW DELHI: भारतीय शतरंज खिलाड़ी और महिला ग्रैंडमास्टर तानिया सचदेव (TANIA SACHDEVA) ने खेल को समर्थन की कमी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शतरंज ओलंपियाड जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता नहीं दी गई। तानिया (TANIA SACHDEVA) ने कहा कि महिला टीम भले ही 2022 शतरंज ओलंपियाड में कांस्य और दो साल बाद ऐतिहासिक शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक लेकर लौटी हो। लेकिन दिल्ली सरकार से कोई मंजूरी और मान्यता नहीं मिली है।
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TANIA SACHDEVA का आरोप
आगे कहा कि जो राज्य अपने चैंपियंस का समर्थन करते हैं और जश्न मनाते हैं। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया है। तानिया को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हेलो तानिया, हमने हमेशा अपने सभी एथलीटों और खिलाड़ियों का समर्थन किया है। आपसे मिलकर यह समझना अच्छा लगेगा कि शतरंज खिलाड़ियों के लिए और क्या किया जा सकता है। मेरा कार्यालय आपसे संपर्क करेगा और मैं वास्तव में आपके विचारों और सुझावों को सुनने के लिए उत्सुक हूं।
सीएम आतिशी का जवाब
तानिया, डी हरिका, आर वैशाली, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल उस भारतीय टीम का हिस्सा थीं जिसने हंगरी के बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड का महिला खिताब जीता था। यह पहली बार था जब देश ने खिताब जीता था। तमिलनाडु की रहने वाली वैशाली और तेलंगाना की रहने वाली हरिका को उनकी संबंधित राज्य सरकारों द्वारा 25-25 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। दिव्या को उनके राज्य महाराष्ट्र की ओर से 1 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। तानिया की अन्य उपलब्धियों में 2022 शतरंज ओलंपियाड में टीम कांस्य के साथ-साथ बोर्ड चार पर व्यक्तिगत कांस्य पदक जीतना शामिल है। तानिया 2005 में महिला ग्रैंडमास्टर बनने वाली आठवीं भारतीय थीं।