रीवा टीआरएस के सम्मानित हुए प्रतिभावान छात्र, मानदेय बढ़ाए जाने की घोषणा पर गूंज उठा सभागार

रीवा। ज्ञान, साधना और संस्कार का संगम जब महाविद्यालय की प्रांगण में उत्सव का रूप ले लेता है, तब शिक्षा का वास्तविक स्वरूप दिखाई देता है। 12 सितम्बर 2025 का दिन शासकीय ठाकुर रणमत सिंह स्वशासी महाविद्यालय, रीवा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया, जब यहां प्रतिभा सम्मान समारोह का भव्य आयोजन हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य उन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित करना था, जिन्होंने अपनी मेधा और श्रम से प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त कर महाविद्यालय और परिवार का गौरव बढ़ाया। यह दिन जनभागीदारी एवं स्ववित्तीय शिक्षकों सहित कर्मचारियों के लिए उत्कृष्ट रहा और कार्यक्रम में उनके मानदेय वृद्धि की घोषणा की गई है।

युवा ही राष्ट्र की सच्ची पूंजी

मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि आज की युवा प्रतिभाएँ ही राष्ट्र की सच्ची पूंजी हैं। मेहनत और लगन से ही सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। आज जिन विद्यार्थियों ने प्रवीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया है, उनकी सफलता के पीछे कठिन परिश्रम की साधना है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपनी प्रतिभा और निष्ठा से प्रदेश और राष्ट्र का नाम गौरवान्वित करें। जिन छात्रों का नाम प्रवीण्य सूची में शामिल नहीं हो सका, उन्हें और अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता है। असफलता हमें सफलता की राह दिखाती है। इसलिए निराश न होकर छात्रों को जुनून और आत्मविश्वास के साथ उत्कृष्टता की ओर बढ़ना चाहिए। सफलता के साथ-साथ संस्कार भी जरूरी हैं। शिक्षा तभी पूर्ण है जब उसमें संस्कृति और मूल्यों का समावेश हो। युवाओं को सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहना चाहिए।

युवाओं की भूमिका निर्णायक

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेनी चाहिए क्योंकि युवा ही राष्ट्र की रीढ़ और भविष्य के नियंता हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुखद और उज्ज्वल है। वर्ष 2047 तक भारत पूर्ण रूप से विकसित होकर विश्व में महाशक्ति के रूप में उभरेगा और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका निर्णायक होगी।

मानदेय बढ़ाए जाने की घोषणा पर गूंज उठा सभागार

समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने घोषणा करते हुए कहा कि महाविद्यालय में कार्यरत जनभागीदारी एवं स्ववित्तीय शिक्षकों के मानदेय में प्रतिमाह 5000 की वृद्धि की गई है। इसी प्रकार कुशल श्रमिकों के मानदेय में 2955, अर्धकुशल श्रमिकों के मानदेय में 2613 तथा अकुशल श्रमिकों के मानदेय में 2470 प्रतिमाह की वृद्धि स्वीकृत की गई है। यह बढ़ा हुआ मानदेय अगस्त पेड, सितम्बर 2025 से लागू होगा। यह घोषणा होते ही पूरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। शिक्षकों और कर्मचारियों के चेहरों पर प्रसन्नता झलक उठी और उनके हृदय कृतज्ञता से भर गए। जनभागीदारी समिति, महाविद्यालय प्रशासन तथा प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के प्रति आभार प्रकट करते हुए सभी ने करतल ध्वनि से उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल का स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। यह क्षण महाविद्यालय परिवार के लिए उत्सव और गौरव का बना।

प्राचार्य ने बताया कॉलेज का हाल

इससे पहले स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी ने महाविद्यालय में संचालित नवीन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। साथ ही उन्होंने भविष्य की योजना के अंतर्गत महाविद्यालय को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की रूपरेखा भी साझा की।

उत्कृष्ट छात्रों को दिए गए पदक

नियंत्रक डॉ. शालिनी दुबे के संयोजन में संकायवार प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त छात्रों को स्वर्ण पदक एवं प्रमाण पत्र तथा कक्षावार प्रथम स्थान प्राप्त छात्रों को मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि राजेन्द्र शुक्ल के हाथों से प्रदान किए गए। इसी क्रम में डॉ. शिप्रा द्विवेदी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्कृष्ट छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान कराए, डॉ. सरिता कदम ने एन.सी.सी. ‘बी’ प्रमाण पत्र, डॉ. नागेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमाण पत्र छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान कराए। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल के द्वारा किया गया।

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