Tahawwur Rana Extradition : 2008 के मुंबई हमले का दोषी तहव्वुर राणा के भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। आज भारत ने लम्बी कानूनी लड़ाई को जीत लिया है। अमेरिका में ट्रंप का राज आते ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने के लिए हामी भर दी है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा के भारत को प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। अब तहव्वुर राणा को भारतीय सुप्रीम कोर्ट सजा सुनाएगी।
अमेरिका भारत को सौंपेगा तहव्वुर राणा
शनिवार को अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। अमेरिका ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूर कर लिया है। तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद तहव्वुर राणा की भारत रवानगी तय हो गई।
कौन है आतंकी तहव्वुर राणा?
63 वर्षीय आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी-कनाडा मूल निवासी है। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना में भी काम कर चुका है। वह पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था। फिर वह कनाडा चला गया था और फिर उसने कनाडाई नागरिकता ले ली थी। कनाडा से तहव्वुर राणा अमेरिका पहुंचा और वहां उसने शिकागो में एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म खोली। उस दौरान डेविड हेडली से तहव्वुर राणा की दोस्त हो गई थी। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि तहव्वुर राणा ने ही डेविड हेडली को अपराध की दुनिया में धकेला था। बाद में डेविड हेडली ने भारत के मुंबई हमले की साजिश रची थी।
2008 के मुंबई हमले में की थी मदद
तहव्वुर राणा ने साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने में डेविड हेडली की मदद की थी। मुंबई में हमला करने से पहले डेविड हेडली ने मुंबई में ताज महल होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसी खास जगहों की रेकी की थी। डेविड हेडली उस समय तहव्वुर राणा की इमिग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म में काम करता था। बताया जाता है कि हेडली ने तहव्वुर राणा के इशारे पर ही मुंबई हमला के प्लॉट तैयार किया था।
2009 में गिरफ्तार हुआ था तहव्वुर राणा
मुंबई हमले के बाद आतंकवादी डेविड हेडली को अमेरिका में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमेरिकी पुलिस द्वारा डेविड हेडली से पूछताछ में उसमे तहव्वुर राणा का जिक्र किया था। जिससे मुंबई हमले में तहव्वुर राणा की संलिप्तता का खुलासा हुआ था। राणा को साल 2009 में अमेरिकी जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। तब से भारत राणा के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा था।